लॉकडाउन का असर दुनियाभर में घरेलू हिंसा के मामलों में वृद्धि के रूप में भी सामने आने लगा है। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया समेत यूरोप के कई देशों में ऐसे मामलों में तेजी आई है। विशेषज्ञों ने महामारी के सामाजिक असर को लेकर चेतावनी जारी की है।
उनके अनुसार महिलाओं और बच्चों के लिए यह समय मुश्किलों भरा साबित हो रहा है। दरअसल, अतिरिक्त तनाव या भय से घरों में अत्याचार की तीव्रता बढ़ जाती है। अमेरिका में डीसी सेफ नामक एक संस्था के मुताबिक, पिछले दो हफ्तों में उसके पास आने घरेलू हिंसा से जुड़े फोन कॉल की तादाद दोगुनी हो गई है।
वहीं, ऑस्ट्रेलिया में ऐसे मामले 40 फीसदी बढ़ गए हैं। अमेरिका में घरेलू हिंसा के मामले देखने वाले वकीलों ने स्थानीय प्रशासन को विशेष चेतावनी जारी की है। वहीं, 20 राज्यों के सीनेटरों ने ट्रंप प्रशासन से घरेलू हिंसा पीडि़तों की सहायता करने वाली एजेंसियों पर लॉकडाउन से छूट की मांग की है, ताकि वे पीड़ितों तक आसानी से पहुंच सकें। एजेंसी
अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के अनुसार, चार में से एक महिला और सात में से एक पुरुष को अपने पार्टनर द्वारा गंभीर शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है। न्यूयॉर्क, वॉशिंगटन और शिकागो में लोकल हेल्पलाइन पर मदद के लिए फोन आने बढ़ गए हैं।
साथियों से भी साझा नहीं कर पा रहे दुख
स्कूल, दफ्तर बंद होने के कारण भी लोग अपने दुख साथियों से साझा नहीं कर पा रहे हैं और इससे उनमें कुंठा घर कर रही है।
चीन के बाद यूरोप कोरोना का बड़ा संकट झेल रहा है। यूरोप के कई शहरों में घरेलू हिंसा पीड़ितों की मदद में लगी संस्थाओं ने खतरे को लेकर आगाह किया है। जर्मन फेडरल एसोसिएशन ऑफ वीमंस काउंसलिंग सेंटर्स एंड हेल्पलाइंस ने सामाजिक दूरी के चलते तनाव पैदा होने की चेतावनी दी है।
महिला व बच्चों के खिलाफ यौन हिंसा बढ़ने की बात भी कही है। फ्रांस में पैरेंट्स फेडरेशन की प्रमुख फ्लोरेंस क्लॉडपिएरे ने कहा, कोरोना का सबसे ज्यादा असर घरेलू जीवन पर पड़ा है।
ऑस्ट्रेलिया : सरकार ने अलग बजट रखा
सर्वाधिक आबादी वाले राज्य न्यू साउथ वेल्स में कोरोना के दौर में घरेलू हिंसा के मामले 40 फीसदी बढ़ गए हैं। इसमें एक तिहाई मामलों में सीधे संक्रमण को लेकर हिंसा हुई है। कई पुलिस थानों में दर्ज मामलों की संख्या दोगुनी हो गई है। इस स्थिति को देखते हुए पिछले हफ्ते सरकार ने 15 करोड़ डॉलर सिर्फ घरेलू हिंसा से निपटने के लिए रखा है।