नई दिल्ली। कोरोनावायरस का असर रोकने के लिए देशभर में 21 दिन का लॉकडाउन है, लेकिन चौथे दिन यह लॉकडाउन देश की राजधानी में ही फेल हो गया। इसकी शुरुआत शनिवार सुबह एनसीआर में आने वाले गाजियाबाद से हुई। घर लौटना चाह रहे लोगों की यूपी गेट बॉर्डर पर कतार लग गई। उत्तर प्रदेश और दिल्ली सरकार हरकत में आई। बसों के इंतजाम कर लोगों को रवाना करवाया गया। शाम तक दिल्ली और उत्तर प्रदेश सरकार की कुल 400 बसों के जरिए लोगों को गाजियाबाद के यूपी गेट बॉर्डर और दिल्ली के आनंद विहार से रवाना किया जा चुका था। फिर भी रात 9 बजे तक आनंद विहार बस टर्मिनल पर करीब 17 हजार की भीड़ इंतजार करते रह गई। दो राज्यों की सरकारों के इंतजाम भी नाकाफी साबित हुए। पुलिस अपील करती रही कि एकदूसरे से दूरी बनाकर रखें और धीरे-धीरे आगे बढ़ें, लेकिन यह अपील बेअसर नजर आई। यह भीड़ उन लोगों की थी, जो उत्तर प्रदेश, राजस्थान या बिहार के रहने वाले हैं और रोजी-रोटी के लिए दिल्ली में रहते हैं। लॉकडाउन की वजह से उनके सामने अब रोजी से ज्यादा रोटी की चिंता है। रात को यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट कर लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की।
यूपी गेट बार्डर पर तैनात पुलिस अधिकारियों के मुताबिक दिल्ली से लोगों का हुजूम सुबह छह बजे आना शुरू हुआ और रात के आठ बजे तक रेला टूटा नहीं है। यह स्थिति उस समय है जब गाजियाबाद पुलिस यूपी गेट से लगातार लोगों को बस में बैठाकर कौशांबी और लालकुंआ पहुंचा रही है। दरअसल, जैसे जैसे सूचना दिल्ली में फैल रही है कि यूपी गेट से गांव जाने के लिए बसों की व्यवस्था है, जो लोग अब तक नहीं जाने का मन बनाए बैठे थे, वह भी अपने गांव के लिए निकल पड़े हैं। यातायात निरीक्षक बीपी गुप्ता ने बताया कि दोपहर बाद बसों की फ्रीक्वेंसी कम हो गई। सभी लोगों के लिए यूपी गेट से बस की व्यवस्था नहीं हो पायी। बावजूद इसके किसी के माथे पर शिकन नहीं था। लोग बस यही चाह रहे थे कि जैसे भी वह दिल्ली की सीमा पारकर यूपी में घुस जाएं। रास्ते में कहीं ना कहीं बस ट्रक या कोई अन्य साधन तो गांव जाने के लिए मिल ही जाएगा।