नई दिल्ली।अंतिम वर्ष की परीक्षाओं के मामले मेें सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज नहीं आएगा। बल्कि बुधवार को निर्णय सुनाये जाने की उम्मीद है। ये जानकारी वरिष्ठ अधिवक्ता अलख आलोक श्रीवास्तव ने थोड़ी ही देर पहले ट्वीट करके दी है। उन्होंने बताया कि उच्चतम न्यायालय में मामले की सुनवाई कर रही खण्डपीठ ने आज फैसला नहीं सुनाया और खण्डपीठ कल नहीं बैठेगी, इसलिए अब इस मामले पर निर्णय 25 अगस्त 2020 को सुनाया जा सकता है। हालांकि, अलख आलोक श्रीवास्तव ने कहा कि वे माननीय उच्चतम न्यायालय को जल्द निर्णय सुनाने के लिए अनुरोध भेजने का प्रयास कर रहे हैं।
च्चतम न्यायालय द्वारा विश्वविद्यालयों की अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के निर्देशों को चुनौती देने वाली याचिका पर निर्णय जल्द आने की उम्मीद है। उच्चतम न्यायालय में 18 अगस्त 2020 को मामले की सुनवाई पूरी कर ली गयी थी और न्यायालय द्वारा फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। मामले की सुनवाई उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीशों न्यायमूर्ती अशोक भूषण, न्यायमूर्ती आर. सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ती एम. आर. शाह की खण्डपीठ द्वारा की जा चुकी है। मंगलवार को हुई पिछली सुनवाई के दौरान खण्डपीठ ने सभी पक्षों को अपनी अंतिम दलील लिखित रूप से जमा कराने का तीन दिनों का समय दिया था। उच्चतम न्यायालय की खण्डपीठ द्वारा सभी पक्षों को दी गयी अवधि समाप्त होने के बाद उम्मीद की जा रही है कि फाइनल ईयर या सेमेस्टर की परीक्षाओं के मामले में फैसला आज, 24 अगस्त को सुनाया जा सकता है।
विश्वविद्यालयों एवं अन्य उच्च शिक्षा संस्थानों में स्नातक एवं स्नातकोत्तर पाठ्यक्रमों के अंतिम वर्ष या सेमेस्टर की परीक्षाओं को 30 सितंबर तक करा लेने के यूजीसी द्वारा 6 जुलाई को जारी निर्देशों को चुनौती देनी वाली विभिन्न याचिकाओं पर एक साथ 18 अगस्त को हुई पिछली और अंतिम सुनवाई के दौरान विभिन्न राज्यों – महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और ओडिशा की दलीलों को भी सुना गया, क्योंकि इन राज्यों की सरकारों ने परीक्षाओं को रद्द करने का फैसला स्वयं ही ले लिया था। यूजीसी द्वारा सुनवाई के दौरान इन राज्यों के फैसले को आयोग के सांविधिक विशेषाधिकारों के विरूद्ध बताया गया था।