व्यापार। कोरोना वायरस पूरी दुनियाभर में कहर बन कर गिरा है। इस महामारी ने विकसित और विकासशील दोनों ही देशों पर हमला किया है। इसके चलते दुनियाभर की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है। कोरोना वायरस का प्रकोप अब भारत की अर्थव्यवस्था पर भी दिखने लगा है। इस महामारी के कारण वैश्विक मंदी की आशंका के बीच अब विदेशी निवेशकों ने भारतीय पूंजी बाजार से पूंजी निकालना शुरू कर दिया है।
मंदी के डर से विदेशी निवेशकों ने केवल मार्च महीने में ही एक लाख करोड़ रुपये से ज्यादा की निकासी की है। इससे पहले ये निवेशक लगातार छह महीनों तक शेयर और बांड में शुद्ध लिवाल बने रहे। बाजार विशेषज्ञों का इस पूरे मामले पर कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के प्रभाव को रोकने के लिये दुनिया भर में लॉकडाउन (बंदी) किया जा रहा है। इसके चलते दुनिया भर के कई देशों में कारोबार पूरी तरह से ठप्प पड़ गया है, जिसका बुरा असर इनकी अर्थव्यवस्था पर पड़ रहा है। इसे देखते हुए विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (एफपीआई) सावधानियां बरत रहे हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक एफपीआई ने 2 मार्च से 27 मार्च के बीच अनुसार शेयरों से 59,377 करोड़ रुपये निकाले हैं। वहीं, इस दौरान एफपीआई की तरफ से बांड से 52,811 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। यानी एफपीआई की तरफ से कुल मिलाकर 1,12,188 करोड़ रुपये निकाले गए हैं। इससे पहले एफपीआई सितंबर 2019 से ही शुद्ध रूप से लिवाल थे। नेश्नल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी लिमिटेड पर जब से आंकड़े उपलब्ध हैं, यह सबसे बड़ी निकासी है।
कोरोना वायरस महामारी से अब तक दुनियाभर में 31,920 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, 680,696 लोग इस वायरस की चपेट में आ चुके हैं। भारत की बात की जाए तो अब तक देश भर में 25 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं, इससे प्रभावित लोगों की संख्या अब एक हजार का आंकड़ा छूने जा रही है।