केंद्र सरकार ने देश के लघु छोटे एवं मझोले उद्योगों की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए देने का निर्णय लिया है। यह राशि बैंकों द्वारा कर्ज के रूप में दी जाएगी। इस कर्ज की अवधि 10 साल की होगी लेकिन ब्याज सात साल तक ही लगेगा। यह राशि आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज के तहत दी जाएगी। 10 साल की अवधि 31 मार्च 2021 के आधार पर गिनी जाएगी।
सरकार चार हजार करोड़ की गारंटी देगी
पहले सात साल तक इस कर्ज पर मोराटोरियम होगा। यानी सात साल तक आप ब्याज भरेंगे और इसके तीन साल बाद आपको केवल मूलधन भरना होगा। इस राशि को केंद्र सरकार की क्रेडिट गारंटी स्कीम फॉर सबोर्डिनेट डेट (सीजीएसएसडी) के तहत एमएसएमई को दी जाएगी। इसके लिए सरकार सीजीटीएमएसई को चार हजार करोड़ रुपए देगी। इसमें 90 प्रतिशत गारंटी सीजीटीएमएसई कवर करेगा जबकि 10 प्रतिशत गारंटी की जिम्मेदारी प्रमोटर्स की होगी।
पर्सनल लोन भी मिल सकता है
इस योजना का लाभ उन एमएसएमई को मिलेगा जिनका बैंक खाता 31 मार्च 2018 तक रेगुलर ऑपरेट होता रहा है। वित्त वर्ष 2019 और 2020 के एनपीए को इसका पैमाना माना जाएगा। योजना के तहत एमएसएमई यूनिट्स के प्रमोटर्स को पर्सनल लोन भी मिल सकता है। इसके तहत प्रमोटर्स को कंपनी में 15 प्रतिशत हिस्सेदारी या 75 लाख रुपए के बराबर की क्रेडिट दी जाएगी। इसमें से जो कम होगा उसे ही माना जाएगा।