नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 (Article 370) और 35A हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ में मंगलवार को सुनवाई की जा रही है। मामले में पूर्व आइएएएस अधिकारी शाह फैजल की ओर से वरिष्ठ वकील राजू रामचंद्रन बहस कर रहे हैं।
राजू रामचंद्रन ने कहा, ‘कोई भी बदलाव राज्य की सहमति से ही हो सकता है। अनुच्छेद 370 हटाने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों की आवश्यक मंजूरी चाहिए। इसे हटाने के कदम को असंवैधानिक बताते हुए राजू रामचंद्रन ने कहा कि जम्मू कश्मीर का भारत में विलय कुछ शर्तों के साथ हुआ था कोई ऐसा बदलाव नहीं किया जा सकता जो विलय संधि के खिलाफ हो।’
उन्होंने आगे कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए राज्य विधानमंडल की मंजूरी आवश्यूक है नहीं तो यह संघीय विधान के सिद्धांतों का उल्लंघन है। जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाले इस बेंच में जस्टिस एसके कौल, जस्टिस आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस सूर्यकांत शामिल हैं।
बता दें कि इस साल अगस्तद माह में मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 समाप्त कर दिया और जम्मू-कश्मीर व लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश बना दिया।