मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया में आग का कहर जारी है। इस बीच, प्रधानमंत्री स्कॉट मौरिसन ने बुश फायर रिकवरी फंड में दो सौ करोड़ ऑस्ट्रेलियाई डॉलर (लगभग एक हजार करोड़ रुपये) देने की घोषणा की है। इस फंड से आग के चलते नष्ट हुए मकानों और बुनियादी ढांचों का अगले दो वर्षो में फिर से निर्माण किया जाएगा। पूर्व ऑस्ट्रेलियाई संघीय पुलिस आयुक्त एंड्रयू कोल्विन के नेतृत्व में इस फंड से काम कराए जाएंगे। मौरिसन ने कहा कि दो सौ करोड़ डॉलर की यह राशि पूर्व में स्वीकृत राशि से अलग होगी। यह शुरुआती राशि है, जिसे जरूरत पड़ने पर बढ़ाया जा सकता है।
ऑस्ट्रेलिया ने जंगलों में लगी आग से जूझ रहे अग्निशमन कर्मचारियों की मदद के लिए सोमवार को सेना के तीन हजार जवान भी तैनात कर दिए। देश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं नई नहीं हैं, लेकिन इस बार इसका क्षेत्रफल बहुत बड़ा है। इसकी चपेट में आकर अब तक 25 लोगों की मौत हो चुकी है और 1300 से ज्यादा घर पूरी तरह नष्ट हो चुके हैं। इतना ही नहीं 63 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में वनस्पति भी नष्ट हो गई है।
देश के इतिहास में पहली बार सेना के तीनों अंगों के रिजर्व सैनिकों को राहत और बचाव कार्य के लिए बुलाया गया है। प्रधानमंत्री मौरिसन ने कहा, पुलों, सड़कों और अन्य महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों का पुनर्निर्माण किया जाना है। हम यह काम मिलकर अंजाम देंगे। सेना के जवान न्यू साउथ वेल्स, विक्टोरिया, तस्मानिया और दक्षिण आस्ट्रेलिया राज्य सरकारों की मदद करेंगे। वे प्रभावित इलाकों से लोगों की सुरक्षित निकासी भी सुनिश्चित करेंगे।
बारिश से कुछ इलाकों में राहत
आग से प्रभावित कुछ इलाकों में हुई बारिश से लोगों को राहत मिली है। अचानक हुई बारिश से हालांकि अग्निशमन कर्मचारियों को अपनी रणनीतिक तैयारियों को अंजाम देने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस सप्ताह के अंत तक तापमान फिर बढ़ने के आसार हैं।
ब्रूम शहर में चक्रवात का कहर
आस्ट्रेलिया के उत्तर-पश्चिमी तट पर आए चक्रवात के चलते ब्रूम शहर में 125 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। मौसम विभाग ने ब्लेक नाम के इस चक्रवात से लोगों को सावधान रहने के लिए कहा है। चक्रवात से ना केवल भारी बारिश होने की उम्मीद है बल्कि पश्चिमी किंबरली और पूर्वी पिलबारा के तटीय क्षेत्रों में बाढ़ की चेतावनी जारी की गई है। खास बात यह है कि इस चक्रवात से देश के बड़े हिस्से में जंगलों में लगी आग पर प्रभाव पड़ने की उम्मीद नहीं है।