नई दिल्ली । अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में सुप्रीम कोर्ट शनिवार को सुबह 10.30 बजे फैसला सुनाएगा। धार्मिक, राजनैतिक और सामाजिक रूप से संवेदनशील इस मुकदमें में फैसले से पहले उत्तर प्रदेश और विशेषकर अयोध्या की स्थिति जानने के लिए शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने प्रदेश के मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह से मिलकर कानून-व्यवस्था की स्थिति जानी।
सीजेआई ने यूपी के मुख्य सचिव और डीजीपी से कानून-व्यवस्था की ली जानकारी
दूरगामी प्रभाव वाले राजनैतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मुकदमें के ऐतिहासिक फैसले से पहले राज्य में कानून-व्यवस्था का क्या हाल है, सरकार के जिम्मेदार तीसरे अंग न्यायपालिका का मुखिया होने के नाते शुक्रवार को मुख्य न्यायाधीश ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को सुप्रीम कोर्ट बुलाकर स्थिति की जानकारी ली। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी और डीजीपी ओपी सिंह के साथ मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने दोपहर में करीब डेढ़ घंटे अपने चैम्बर में मुलाकात की। हालांकि मुलाकात का कोई औपचारिक ब्योरा नहीं दिया गया है, लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश के दोनों आला अधिकारियों ने मुख्य न्यायाधीश को प्रदेश में शांति और कानून-व्यवस्था की स्थित ठीक होने की जानकारी दी।
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार से लेकर मंगलवार तक छुट्टी
सुप्रीम कोर्ट में शनिवार से लेकर मंगलवार तक छुट्टी है। ऐसे में जस्टिस गोगोई की सेवानिवृति तक मात्र तीन कार्यदिवस बुधवार, गुरुवार और शुक्रवार ही बचे हैं। अयोध्या में चल रहे कार्तिक उत्सव और स्नान के चलते इस वक्त बहुत से श्रद्धालु वहां एकत्रित हैं। हालांकि 13 नवंबर तक कार्तिक उत्सव समाप्त हो जाएगा।
40 दिन की मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर से फैसला सुरक्षित है
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में 40 दिन की मैराथन सुनवाई करने के बाद गत 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 30 सितंबर 2010 को दिये गए फैसले में राम जन्मभूमि को तीन बराबर हिस्सों में बांटने का आदेश दिया था जिसके खिलाफ सभी पक्षों ने कुल 14 अपीलें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की थीं।