काबुल। अफगानिस्तान की राजधानी काबुल (Kabul) में बुधवार को भीषण विस्फोट हुआ जिसमें उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह के काफिले को निशाना बनाया गया। रॉयटर्स के अनुसार, काबुल में सड़क किनारे हुए विस्फोट में अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह (Amrullah Saleh) को निशाना बनाया गया था। हालांकि उन्हें किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचा और वे सुरक्षित हैं।
बाल-बाल बचे उपराष्ट्रपति
उपराष्ट्रपति के प्रवक्ता रजवान मुराद (Razwan Murad) ने अपने फेसबुक पोस्ट में लिखकर जानकारी दी, ‘आज अफगानिस्तान के दुश्मनों ने एक बार फिर सालेह की जान लेने की कोशिश की लेकिन अपने मकसद में कामयाब नहीं हुए और सालेह को कोई चोट नहीं पहुंची।’ प्रवक्ता ने रॉयटर्स से बातचीत में कहा कि सालेह के काफिले को निशाना बनाकर किए गए विस्फोट में उनके कुछ बॉडीगार्ड को नुकसान पहुंचा है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि अब तक दो शवों को दो शवों और सात घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया है।
उपराष्ट्रपति सालेह के बेटे ने ट्वीट कर उनके सुरक्षित होने की जानकारी दी कहा कि उनके काफिले पर हमला हुआ है लेकिन इसमें उनके साथ का कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ है। उपराष्ट्रपति के बेटे एबाद सालेह ने ट्वीट कर कहा, ‘मैं आश्वासन देना चाहता हूं कि मैं और मेरे पिता दोनों ही सुरक्षित हैं और हमारे साथ का कोई भी व्यक्ति शहीद नहीं हुआ है। सब लोग सुरक्षित हैं।’ एबाद अपने पिता के साथ यात्रा कर रहे थे। इससे पहले भी सालेह के ऊपर पिछले साल जानलेवा हमला हुआ था जिसमें 20 लोग मारे गए थे।
काफिले पर भीषण विस्फोट
काफिले को निशाना बनाकर किया यह विस्फोट इतना भयानक था कि गाड़ियों के परखच्चे उड़ गए। आसपास की इमारतों को भी काफी नुकसान पहुंचा है। माना जा रहा है कि इस हमले के पीछे तालिबान और पाकिस्तान के आतंकी गुटों का हाथ है।
इलाके में तैनात हैं अफगान सुरक्षा बल
अफगान सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके को घेर लिया है और तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। उधर, घायलों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। कुछ घायलों की हालत नाजुक बताई जा रही है। विस्फोट के कारण इलाके में आग लग गई थी जिसे फायर फाइटर्स ने बुझा दिया है। अभी तक किसी भी गुट ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है।
बता दें कि पिछले सप्ताह उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने जानकारी दी थी कि देश की सरकार 6 तालिबानी कैदियों की रिहाई को लेकर असमंजस में है क्योंकि ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस ने इन तालिबानी कैदियों की रिहाई का विरोध किया है। इनपर ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस के नागरिकों पर हमला करने का आरोप है। उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘6 तालिबानी कैदियों की रिहाई को लेकर अब तक फैसला नहीं लिया जा सका है। ऑस्ट्रेलिया और फ्रांस की ओर से इसपर आपत्ति जताई है। इन देशों को आपत्ति वाजिब है। इन कैदियों की रिहाई कर हम फ्रांस और ऑस्ट्रेलिया से अपने संबंध नहीं खराब करना चाहते।’ उपराष्ट्रपति ने यह भी कहा कि अफगानिस्तानी कमांडरों को रिहा करने में तालबान असफल रहा है।