इस्लामाबाद/नई दिल्ली। कश्मीर मुद्दे पर साथ नहीं देने के कारण आर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कंट्रीज (ओआइसी) को दो-फाड़ कर देने की धमकी देना पाकिस्तान को भार पड़ गया है। पाकिस्तान से सऊदी अरब की नाराजगी के बीच इमरान खान आर्थिक बदहाली झेल रहे अपने मुल्क को समस्याओं से निजात दिलाने की उम्मीद में तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को लुभाने में जुट गए हैं। वहीं पाकिस्तानी सेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा सऊदी अरब का गुस्सा शांत करने के लिए क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान को मनाने की कोशिशें कर रहे हैं।
बता दें कि इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) को विभाजित करने की धमकी देने से सऊदी अरब नाराज है और उसने पाकिस्तान को दिए जाने वाले कर्ज पर रोक लगा दी है। सऊदी ने पाकिस्तान को उधार में तेल देना बंद कर दिया है। इससे खस्ताहाल पाकिस्तान की सांसे फूलने लगी हैं। इस्लामाबाद के सूत्रों ने बताया कि मुल्क के हुक्मरानों की गलतियों को दुरुस्त करने के लिए जनरल बाजवा रियाद का दौरा कर रहे हैं। पाकिस्तान को इस दौरे का फायदा मिलेगा यह कहना मुश्किल है क्योंकि पाकिस्तानी हुक्मरानों की तुर्की के एर्दोगन के साथ नजदीकी से सऊदी चिढ़ा हुआ है।
एर्दोगन सऊदी नेतृत्व को खुलेआम चुनौती देते रहे हैं। इसलिए एकसाथ दोनों देशों को साधना पाकिस्तान के लिए दिवास्वप्न देखने जैसा है। सूत्रों ने बताया कि बाजवा यह दिखावा करने के लिए रियाद गए हैं कि पाकिस्तान तटस्थ है। बाजवा मोहम्मद बिन सलमान से अरबों डॉलर कर्ज लेने की कोशिशें कर रहे हैं ताकि इस्लामाबाद में पाकिस्तान सेना का दबदबा बरकरार रहे। ऐसे में जब पाकिस्तानी हुक्मरान तुर्की, मलेशिया और ईरान के साथ गलबहिंया कर रहे हैं, बाजवा सऊदी अरब को कितना मना पाएंगे यह वक्त बताएगा।
उल्लेखनीय है कि आर्थिक संकट से घिरे पाकिस्तान ने 2018 में सऊदी अरब से 6.2 अरब डॉलर कर्ज लिए थे। कर्ज पैकेज के समझौते के मुताबिक, पाकिस्तान को 3.2 अरब डॉलर (करीब 24 हजार करोड़ रुपये) का तेल उधार में देने का प्रावधान किया गया था। इस प्रावधान की मियाद दो महीने पहले ही खत्म हो चुकी है। यही नहीं सऊदी ने पाकिस्तान को अब उधार में तेल देना बंद कर दिया है। यही कारण है कि पाकिस्तानी हुक्मरानों की सांसें फूलने लगी हैं और आखिरकार पाकिस्तानी सेना प्रमुख को सऊदी अरब को मनाने की कमान खुद संभालनी पड़ी है।