मेरठ। शासन तथा प्रशासन की सख्त के कारण प्रदेश में अवैध शराब का धंधा कुछ दिन तक थमने के बाद फिर जोर पकड़ लेता है। इसका कहर इतना व्यापक होता है कि सैकड़ों परिवार प्रभावित हो जाते हैं। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में अवैध यानी देशी शराब का कहर थमता नहीं दिख रहा है।
मेरठ के साथ ही बागपत में देशी यानी कच्ची शराब के सेवन के कारण बीते दो दिन में सात लोगों ने जान गंवा दी है। इनके घरों में कोहराम मचा है जबकि प्रशासन अपनी कार्रवाई में लग गया है। यहां पर घर-घर शराब बनने के साथ ही खुलेआम बेची जा रही है।
बागपत के चमरावल गांव में दो दिन के भीतर शराब पीने से पांच लोगों की मौत हो गई। उधर, मेरठ के जानी थाना क्षेत्र के मीरपुर जखेडा गांव में शराब पीने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों के स्वजन व ग्रामीण शराब के जहरीली होने की आशंका जता रहे हैं। पुलिस ने तीन शव पोस्टमार्टम के लिए भेजे हैं। बागपत के चमरावल गांव में शराब पीने से गुरुवार सुबह 58 वर्षीय श्यामलाल की मौत हो गई। ग्रामीणों ने शराब के जहरीली होने की आशंका जताते हुए हंगामा कर दिया। बुधवार को भी गांव में चार लोगों की मौत हो गई थी। ग्रामीण इनकी मौत का कारण भी शराब बता रहे हैं। हालांकि चारों का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। गुरुवार को श्यामलाल की मौत के बाद हंगामा शुरू हो गया।
ग्रामीणों का कहना है कि पांचों मौत जहरीली शराब के कारण हुई हैं। श्यामलाल के स्वजनों ने पहले किसी कार्रवाई से इन्कार करते हुए पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। पुलिस के पहुंचने और समझाने के बाद वे पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। इस दौरान ग्रामीणों की पुलिस से नोकझोंक भी हुई। सीओ मंगल सिंह रावत का कहना है कि जिन पांच लोगों की मौत हुई है वह सभी शराब पीते थे। उनकी मौत जहरीली शराब पीने से हुई है या नहीं, इसकी जांच की जा रही है। सीओ ने बताया कि मरने वाले सभी लोग सरकारी ठेके से शराब खरीदकर पीते थे। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में नकली शराब बेची जाती है। एडीएम और एएसपी भी गांव पहुंचे हुए हैं। उधर, मीरपुर जखेडा गांव में शराब पीने से पवन व जगपाल की मौत हो गई है। यहां भी ग्रामीण मौत का कारण जहरीली शराब बता रहे हैं। दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है।