लखनऊ। मोतीनगर स्थित राजकीय बालिका गृह में सोमवार को संवासिनी ने बाथरूम में फांसी लगा ली। महज 13 साल की किशोरी द्वारा खुदकुशी की खबर सुनते ही बालिका गृह में हड़कंप मच गया। जिसके बाद राजकीय बालिका गृह की अधीक्षिका रीता टमटा ने इस बात की जानकारी डीपीओ सुधाकर शरण पांडे और स्थानीय पुलिस को दी जिसके बाद स्थानीय पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए बलरामपुर अस्पताल भेज दिया।
चंडीगढ़ से 2 मार्च को आई थी किशोरी
डीपीओ सुधाकरण पांडे ने बताया नाबालिग किशोरी 2 मार्च को चंडीगढ़ पुलिस द्वारा लखनऊ भेजी गई थी। दरअसल वह किसी लड़के के साथ भागी थी। इस पर उसके पिता ने रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसमें लड़की लड़के के साथ बरामद हुई थी। लड़की ने अपने घर वालों के साथ जाने से मना कर दिया था। इसी वजह से लड़की को बालिका गृह भेज दिया गया था। लड़का फिलहाल इस समय जेल में है।
सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि अधिकारी किशोरी हर रोज़ अपने परिवार के पास जाने की बात कहती थी। बाल गृह की अधीक्षिका रीता ने सीतापुर बाल कल्याण समिति को बार बार पत्र लिखकर किशोरी को उसके घर वापस भेजने की बात कही लेकर किशोरी के घर वाले उसको ले जाने को तैयार नहीं थे।
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश
डीपीओ सुधाकर शरण पांडे ने बताया कि इस मामले में डीएम ने मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दे दिए हैं पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद निदेशालय को भी रिपोर्ट सौंपी जाएगी।