देहरादून। बारिश और बर्फबारी के बाद प्रदेश में मौसम भले ही साफ है, लेकिन बर्फीली हवा हाड़ कंपा रही है। इस बीच धीरे-धीरे जनजीवन पटरी पर लौटने लगा है, बावजूद इसके बर्फबारी के बाद दुश्वारियां कम नहीं हुई हैं। हालांकि लोक निर्माण विभाग ने 47 मार्गों पर यातायात बहाल कर दिया है। 33 संपर्क मार्ग अब भी बंद है। इसके अलावा गंगोत्री, यमुनोत्री और बदरीनाथ हाईवे पर अब भी आवाजाही शुरू नहीं हो पाई है। वहीं 200 ज्यादा गांवों में विद्युत आपूर्ति बहाल नहीं की जा सकी है। करीब 170 गांव अब भी जिला मुख्यालय से कटे हुए हैं। अधिकारियों का दावा है कि सोमवार तक स्थितियां सामान्य हो जाएंगी।
रविवार को सुबह से ही धूप खिलने से लोगों ने राहत की सांस ली। हालांकि बर्फीली हवा बेचैन करती रही। मौसम साफ होते ही राहत कार्यों में तेजी आई। लोक निर्माण विभाग 70 जेसीबी मशीनों की मदद से सड़कों से बर्फ हटाने में जुटा है। उत्तरकाशी के जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने बताया कि जिले में ज्यादातर गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर ली गई है, जबकि 30 गांवों में बिजली की तारों को दुरस्त करने का काम चल रहा है।
प्रदेश के तीन शहरों में पारा शून्य के करीब है, जबकि मुक्तेश्वर और टिहरी में यह शून्य से नीचे चला गया। मुक्तेश्वर और टिहरी में न्यूनतम तापमान माइनस 2.1 व माइनस .6 डिग्री सेल्सियस रिकार्ड किया गया। इसके अलावा मसूरी, नैनीताल और जोशीमठ में भी न्यूनतम तापमान शून्य के करीब जा पहुंचा।
वहीं, राज्य मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया है कि आने वाले कुछ दिनों में मौसम साफ रहेगा, लेकिन इस दौरान शीतलहर चल सकती है।
रविवार को सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) ने हर्षिल तक बर्फ हटाकर गंगात्री हाईवे पर आवाजाही बहाल कर दी। इसी के साथ हर्षिल में फंसे 25 पर्यटक भी वहां से रवाना हो गए। ये लोग 11 दिसंबर को बर्फबारी का लुत्फ उठाने यहां आए थे, लेकिन मार्ग बंद होने के कारण फंस गए। बीआरओ के कमांडेंट सुनील श्रीवास्तव ने बताया कि हर्षिल तक मार्ग खोल दिया गया है और हर्षिल व गंगोत्री के बीच बर्फ हटाने का काम जारी है।