गोरखपुर। कोरोना वायरस का सबसे अधिक असर भारत की सोनौली सीमा से नेपाल जाने और नेपाल से भारत आने वाले नागरिकों पर पड़ रहा है। नेपाल और भारत ने कई देशों के नागरिकों को अपने अपने देशों में आने पर प्रतिबंध लगा दिया है। इस बीच गुरुवार को भारत सरकार ने सोनौली बार्डर से नेपाल जाने वाले श्रीलंका, म्यांमार, थाईलैंड, फ्रांस, स्पेन, आस्ट्रेलिया, नीदरलैंड व रूस के 202 नागरिकों का वीजा रद कर दिया है। सभी से शीघ्र भारत वापस लौटने को कहा गया है।
15 अप्रैल तक जारी रहेगा निलंबन
भारत सरकार ने विदेशियों के आवागमन के संबंध में नए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इस निर्देश के मुताबिक 13 मार्च की रात्रि 12 बजे से भारत में प्रवेश करने वाले विदेशी नागरिकों का वीजा निलंबित कर दिया गया है। यह निलंबन 15 अप्रैल तक जारी रहेगा।
सोनौली सीमा के रास्ते नेपाल की यात्रा पर गए विदेशियों को आव्रजन अधिकारियों ने जब यह जानकारी दी तो उनमें अफरा-तफरी मच गई। कई जत्थे के यात्री तो अपनी पहले से निर्धारित समय-सारणी में परिवर्तन करने में जुट गए। दर्जनों यात्रियों ने पोखरा व काठमांडू जाने की बजाए लुंबिनी दर्शन कर वापस आने की योजना बना ली। वहीं कुछ यात्री नेपाल से हवाई मार्ग द्वारा अपने देश वापस जाने की योजना बनाते मिले।
202 विदेशी नागरिक नेपाल गए। इसमें 113 श्रीलंका, 57 म्यांमार, 23 थाईलैंड, एक फ्रांस, एक स्पेन, एक आस्ट्रेलिया, दो नीदरलैंड व पांच रूस के नागरिक थे। श्रीलंका, म्यांमार व थाईलैंड के कई यात्रियों को पोखरा व काठमांडू भी जाना था। लेकिन उन्होंने अपनी यात्रा को सीमित कर दिया। महराजगंज के डीएम डा. उज्जवल कुमार ने कहा कि भारत सरकार की गाइड लाइन प्राप्त हुई है। 13 मार्च की रात 12 बजे के बाद भारत में प्रवेश करने वाले सभी विदेशी पर्यटकों का वीजा निलंबित कर दिया गया है।
कोरोना वायरस को लेकर बार्डर पर सतर्कता बढ़ा दी गई है। संदिग्ध मरीजों के प्राथमिक उपचार के लिए बार्डर के जिले महराजगंज के डा. कुंवर घनश्याम सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर दस बेड का अस्पताल सुरक्षित कर दिया है। शुक्रवार को राष्ट्रीय आपदा प्रबंध प्राधिकरण के सचिव डा. प्रदीप कुमार ने सोनौली बार्डर पर बैठक की और स्क्रीनिंग कैंप का निरीक्षण कर आवश्यक दिशा निर्देश दिया। अब तक सोनौली और ठूठीबारी बार्डर पर कुल 34600 लोगों की स्क्रीनिंग की गई है।