भारत में कोरोना के संक्रमण ने फिर से अपने पैर फैलाना जरूर शुरू कर दिया है, लेकिन अच्छी बात यह है कि हम कोरोना वैक्सीन को लेकर काफी सकारात्मक तरीके से आगे बढ़ रहे हैं। कई वैक्सीन निर्माता कंपनियों का परीक्षण अंतिम चरण में है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो भारत में जनवरी अंत या फरवरी के शुरुआती सप्ताह में लोगों को वैक्सीन मिल सकती है। इतना ही नहीं, इसका फायदा समाज के हर तबके के लोगों को हो इसके लिए भी सरकार योजना बना रही है। प्रधानमंत्री ने हाल ही में कहा था कि हम वैक्सीन के भंडारण से लेकर वितरण तक की योजना पर काम कर रहे हैं।
अगर फरवरी तक वैक्सीन आ जाती है तो सबसे पहले कोरोना वॉरियर्स का टीकाकरण किया जाएगा। इनमें डॉक्टर, नर्स और नगरपालिका कर्मचारी शामिल हैं। फरवरी तक वैक्सीन आने की संभावना इसलिए प्रबल हो गई है, क्योंकि अगर ब्रिटेन में वैक्सीन के इस्तेमाल को मंजूरी मिलती है तो भारत सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को भी जल्द ही ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी देने की योजना बना रहा है।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को आपातकालीन उपयोग के लिए आवेदन करने की आवश्यकता होगी। इसकी संभावना है कि कंपनी दिसंबर में इसके लिए आवेदन कर देगी। आपको बता दें कि केंद्र सरकार वैक्सीन के खुराक की खरीद के लिए वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के साथ एक अनुबंध को अंतिम रूप दे रही है। एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि सरकार ने इन कंपनियों से थोक में बेहतर कीमत पर वैक्सीन खरीदने की बात की है। दो-शॉट वाले टीके के लिए एमआरपी जो कि 500-600 रुपये के करीब हो सकती है, उससे आधी कीमत पर खरीदने की योजना सरकार बना रही है।