बैंकॉक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के फैसले का स्पष्ट उल्लेख करते हुए शनिवार को यहां कहा कि भारत ने आतंकवाद एवं अलगाववाद के पीछे के एक बड़े कारण को खत्म कर दिया है। प्रधानमंत्री ने अपने इस भाषण के जरिए जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल को जवाब भी दे दिया, जिन्होंने भारत दौरे के दौरान कहा था कि कश्मीर में हालात गंभीर हैं और वह इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से बात करेंगे।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी सरकार उन लक्ष्यों को पूरा करने की दिशा में काम कर रही है जो असंभव प्रतीत होते थे। उन्होंने कहा, ‘आप जानते हैं कि भारत ने आतंकवाद एवं अलगाववाद के बीज बोए जाने के पीछे के एक बड़े कारण से छुटकारा पाने का फैसला किया है।’ मोदी ने ‘स्वस्ति पीएम मोदी’ कार्यक्रम में कहा, ‘ जब फैसला सही होता है तो इसकी गूंज पूरी दुनिया में सुनाई देती है।’ मोदी ने जब अनुच्छेद 370 के संबंध में सरकार के उठाए कदम का जिक्र किया तो लोगों ने खड़े होकर तालियां बजाईं। उन्होंने कहा कि ये तालियां भारत की संसद और उनके सांसदों के लिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने यहां सिख धर्म के प्रवर्तक गुरु नानक देव की 550वीं जयंती पर स्मरणीय सिक्का जारी किया। उन्होंने करतारपुर गलियारा खोले जाने का भी जिक्र करते हुए कहा कि अब श्रद्धालु आजादी से करतारपुर साहिब जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि गुरु नानक देव सिर्फ सिख धर्म तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि उनके विचार और उपदेश पूरे विश्व के लिए प्रासंगिक हैं।
प्रधानमंत्री ने तमिल भाषा में लिखित प्राचीन काव्य रचना तिरुक्कुरल की थाई भाषा में अनुवादित पुस्तक का भी विमोचन किया। जाने-माने दार्शनिक और समाज सुधारक तिरुवल्लुवर इसके रचयिता थे। इसकी रचना का काल ईसा पूर्व दूसरी शताब्दी से लेकर ईसा की छठवीं शताब्दी हो सकती है। इसके सूत्र या पद्य, जीवन के हर पहलू को स्पर्श करते हैं। यह नीतिशास्त्र की महान रचना है।
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में उज्जवला योजना समेत सरकार की उपलब्धियों को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि उज्ज्वला योजना के तहत पिछले तीन वर्ष के दौरान आठ करोड़ परिवारों को एलपीजी कनेक्शन दिए गए।मोदी ने कहा कि भारत में पिछले पांच साल में हुए बदलावों की वजह से जनता ने इस बार उनकी सरकार को और बड़ा जनादेश दिया। उन्होंने कहा कि भारत पांच लाख करोड़ डॉलर (350 लाख करोड़ रुपये) की अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में कड़ी मेहनत कर रहा है।