नयी दिल्ली। पाकिस्तान की संसद को संबोधित करने के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाने को लेकर भारत ने शनिवार को तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोआन की आलोचना की और उनसे भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से दूर रहने को कहा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के बारे में तुर्की के राष्ट्रपति द्वारा दिए गए सभी वक्तव्यों को भारत खारिज करता है। साथ ही, उन्होंने जोर देते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह उससे कभी अलग नहीं किया जा सकता।
एर्दोआन ने शुक्रवार को पाकिस्तान की संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए ‘‘कश्मीरियों के संघर्ष की तुलना प्रथम विश्व युद्ध के दौरान विदेशी शासन के खिलाफ तुर्की के लोगों की लड़ाई से की थी।’’ तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि कश्मीरियों ने दशकों से काफी पीड़ा झेली है तथा हाल के समय में एकतरफा कदम उठाए जाने के बाद उनकी पीड़ा और बढ़ गयी है। उनका इशारा पिछले साल भारत द्वारा जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने की ओर था।
उन्होंने कहा, ‘‘हम तुर्की के नेतृत्व से अपील करते हैं कि वह भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप ना करे और भारत तथा क्षेत्र में पाकिस्तान से उत्पन्न आतंकवाद के गंभीर खतरे सहित सारे तथ्यों की सही समझ बनाए.’’ गौरतलब है कि पिछले साल सितंबर में एर्दोआन ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने संबोधन के दौरान कश्मीर मुद्दा उठाया था।
पिछले साल अगस्त में भारत ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा वापस लेने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के अपने फैसले का एलान किया था। पाकिस्तान ने इस कदम पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की थी और भारतीय उच्चायुक्त को वापस भेजकर भारत के साथ अपना राजनयिक संबंध कमतर कर लिया था। पाकिस्तान ने इस मुद्दे पर भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सहयोग जुटाने की विफल कोशिश की थी।