नई दिल्लीइ। चीफ आफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन (CDS General Bipin Rawat) रावत ने सोमवार को भारत-चीन सीमा विवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर एलएसी (वास्तविक नियंत्रण रेखा) को लेकर चीन के साथ बातचीत असफल रहती है तो सैन्य विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। दोनों देशों की सेनाओं के बीच अप्रैल-मई से ही फिंगर एरिया, गलवन घाटी, हॉट स्प्रिंग्स और कुंगरंग नाला सहित कई क्षेत्रों को लेकर गतिरोध चल रहा है।
सीडीएस रावत ने कहा, ‘लद्दाख में चीनी सेना द्वारा किए गए अतिक्रमण से निपटने के लिए सैन्य विकल्प खुले हुए हैं, लेकिन इसका उपयोग केवल तभी किया जाएगा, जब दोनों देशों के बीच सैन्य और राजनयिक स्तर पर चल रही बातचीत फेल हो जाती है।’ हालांकि, उन्होंने उन सैन्य विकल्पों पर ज्यादा जानकारी देने से इनकार कर दिया।
विवाद सुलझाने के लिए दोनों पक्षों के बीच पिछले तीन महीनों में कई बाद कूटनीतिक और सैन्य वार्ताएं हो चुकी हैं, जिसमें पांच लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की वार्ता भी शामिल हैं, लेकिन अभी तक विवाद सुलझाने की दिशा में कोई प्रगति नहीं हुई है।
15 जून को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद से ही हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे, जबकि चीन की ओर से भी 40 से अधिक सैनिक हताहत हुए थे। हालांकि, चीन ने कभी भी इस बात को स्वीकार नहीं किया। गलवन घाटी के कुछ हिस्सों से चीनी सैनिकों ने कुछ ढांचा और सामान पीछे किया था, लेकिन उसके बाद मामला जस का तस है।