गाज़ियाबाद।
एक हजार करोड़ रुपये के टेंडर घोटाले में फंसे नोएडा के पूर्व मुख्य अभियंता यादव सिंह की मुश्किलें फिर बढ़ गई है। सोमवार को सीबीआई, दिल्ली की टीम ने विशेष अदालत में तारीख से लौटते समय परिसर से गिरफ्तार कर लिया। साथ में मौजूद पत्नी ने इसका विरोध किया तो सीबीआई के अधिकारी कई मामलों में पूछताछ की बात कहकर ले गए।
नोएडा टेंडर घोटाले के मुख्य अभियुक्त यादव सिंह कुछ माह पहले ही उच्चतम न्यायालय से जमानत मिलने पर डासना जेल से बाहर आए थे। सोमवार को सीबीआई की विशेष अदालत में उनके मामले में तारीख थी। यादव सिंह अपनी पत्नी कुसुमलता सिंह के साथ अदालत आए थे। वे पहली मंजिल पर अदालत में तारीख पर गए। अधिवक्ताओं की हड़ताल होने के कारण सुनवाई नहीं हुई। अदालत में हाजिरी लगाने के बाद वह पत्नी व कुछ अन्य लोगों के साथ नीचे उतरकर वापस जाने लगे। तभी परिसर में मौजूद सीबीआई के एएसपी राजेश चहल की टीम ने यादव सिंह को हिरासत में लेकर कार में बैठा लिया और लेकर जाने लगे। यादव सिंह की पत्नी कुसुमलता ने पति के ले जाने के बारे में पूछा तो सीबीआई टीम ने कहा कि यादव सिंह के खिलाफ घोटाले के कई मामलों में विवेचना अभी चल रही है। उनसे पूछताछ की जानी है। पूछताछ के बाद विशेष अदालत में कोर्ट में पेश किया जाएगा।
उधर, सूत्रों का कहना है कि सीबीआई ने वर्ष 2018 में भी यादव सिंह के खिलाफ एक घोटाले का मुकदमा दर्ज किया था। यमुना एक्सप्रेस वे के अलावा नोएडा स्टेडियम के निर्माण के घोटाले का भी मामला है। सूत्र बताते हैं कि संभवत: इन मामलों में ही पूछताछ के लिए सीबीआई दिल्ली की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा की टीम गिरफ्तार क रके ले गई है। बता दें कि यादव सिंह के खिलाफ नोएडा में वर्ष 2012 में हुए करीब एक हजार करोड़ के नोएडा टेंडर घोटाला, भूमिगत केबिल धोटाला और आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का मुकदमा दर्ज है। ईडी कोर्ट में लखनऊ में एक मुकदमा लखनऊ में चल रहा है। सीबीआई ने मुकदमा दर्ज करने के बाद पहली बार यादव सिंह को 15 फरवरी 2016 में गिरफ्तार करके जेल भेजा था। तभी से लगातार जेल में थे। करीब तीन माह पहले जमानत पर छूटे थे।