वाराणसी। कोरोनावायरस (कोविड-19) की जांच किट व इसके इलाज की दवा बनाने में पूरी दुनिया के वैज्ञानिक जुटे हैं। इस बीच काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के डिपार्टमेंट ऑफ मॉलिक्यूलर एंड ह्यूमन जेनेटिक की प्रोफेसर गीता राय और उनकी तीन रिसर्च स्कॉलर्स ने कोविड 19 जांच की ऐसी तकनीक खोजी है, जिससे जांच का खर्च घटकर आधा हो जाएगा। महज तीन से चार घंटे में रिपोर्ट भी मिल जाएगी। अभी तक सामान्य तौर पर विदेशी किट से जांच में 9 से 10 घंटे का समय लगता है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने अप्लाई करने के महज 24 घंटे के भीतर इस तकनीकी को पेटेंट करने की मंजूरी दे दी है।
प्रोफेसर राय का दावा है कि उनका यह रिसर्च केवल कोविड 19 प्रोटीन सीक्वेंस को टारगेट करती है। ये चेन किसी और वायरस में नहीं होती है। पूरा रिसर्च कोरोना वायरस के प्रोटीन पर आधारित है। आगे चलकर पीसीआर मशीन से भी इसकी जांच हो सकती है। इसकी रिपोर्ट में केवल 3 से 4 घंटे समय लगता है। प्रक्रिया को रिवर्स ट्रांस्क्रिप्टेज पॉलीमर चेन रिएक्शन (आरटीपीसीआर) कहते हैं। दो से तीन लाख की मशीन से इसकी जांच हो सकती है। जबकि अभी की मशीन 15 से 20 लाख की है।
भारतीय पेटेंट कार्यालय ने इसकी मंजूरी दे दी है। हमारा प्रयास है कि सस्ते और उचित समय पर और लोगो की जांच जल्दी हो पाए। उन्होंने बताया कि, केरल में जब कोरोना का पहला मामला आया तभी से इसके बारे में सोच रही थी। अभी तक जो जांच किट तकनीक है, वो सार्स, फ्लू जैसे लक्षणों के साथ कोरोना को डिटेक्ट करती है। हम लोगों के द्वारा बनाया किट कोरोना की ही जांच करेगा।