डेस्क। आज बैशाख पूर्णिमा तिथि है, हिन्दू धार्मिक दृष्टि से यह तिथि बेहद ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन भगवान विष्णु का अवतरण हुआ था। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान पुण्य करने से पापों से मुक्ति मिलती है। बैसाख पूर्णिमा तिथि के दिन भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। भगवान बुद्ध को विष्णु जी का स्वरूप माना जाता है, इसलिए बैसाख पूर्णिमा को बुद्ध पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। भगवान बुद्ध का जन्म 563 ईसा पूर्व नेपाल के लुंबिनी नगर में हुआ था। उन्होंने बहुत ही कम आयु में घर छोडकर संन्यासी का जीवन जीना शुरू कर दिया था। गौतम बुद्ध 27 वर्ष की आयु में संन्यासी बन गए थे। संन्यास के दौरान भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ था, जिस स्थान पर इन्हें ज्ञान हासिल हुआ था उसको बोधगया कहा गया है। भगवान बुद्ध ने बौद्ध धर्म की स्थापना की थी और अपना पहला उपदेश सारनाथ में दिया था। बुद्ध पूर्णिमा के दिन बौद्ध धर्म के मानने वाले अपने घरों पर दीपक जलाते हैं और ग्रंथों का पाठ कर गौतम बुद्ध के बताये हुए रास्ते पर चलने की कसम खाते हैं। हिन्दू धर्म में भी इनकी पूजा होती है इन्हें भगवान विष्णु का अवतार माना जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा तिथि पर पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व माना गया है परन्तु इस बार कोरोना संक्रमण के दौरान नदियों में स्नान करना संभव नहीं है। इस बार वैशाख पूर्णिमा पर कई शुभ और दुर्लभ योग बन रहे हैं।
- वैशाख पूर्णिमा पर गुरुवार के योग में भगवान सत्यनारायण की कथा सुननी चाहिए।
- पूर्णिमा तिथि पर किसी पवित्र नदी में स्नान करने की परम्परा होती है लेकिन इस बार लॉकडाउन के चलते घर पर पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर स्नान करें।
- पूर्णिमा तिथि पर हनुमान चालीसा का पाठ करें।
- वैशाख पूर्णिमा पर स्नान के बाद गरीबों को दान करना चाहिए।
- वैशाख मास में अंतिम तीन दिन गीता का पाठ करना है, उससे प्रतिदिन अश्वमेघ यज्ञ का फल प्राप्त होता है।