अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन प्रशासन ने H-1B वीजा पर पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फैसले पर की दोबारा विचार करने की बात कही है। बाइडेन प्रशासन ने शुक्रवार को कहा कि H-1B वीजा पर ट्रंप सरकार की ओर से लगाए गए तीन मेमोरेंडम के चलते उठाई गई आपत्तियों या प्रतिकूल फैसलों पर पुनर्विचार करने के लिए तैयार है। बता दें कि डोनाल्ड ट्रंप सरकार की ओर से लाए गए ये मेमो पहले ही रद्द कर दिए गए हैं। लेकिन अब बाइडेन प्रशासन ने इस पर विचार करने की बात कही है। बाइडेन प्रशासन के इस फैसले से बड़ी संख्या में भारतीय आईटी प्रोफेशनलों को राहत मिल सकती है।
डोनाल्ड ट्रंप कार्यकाल में एच-1बी वीजा को लेकर बदले गए नियम कानूनों की वजह से भारतीय आईटी प्रोफेशनलों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था। यूएस सिटिजनशिप ऐंड इमिग्रेशन सर्विसेज (USCIS) ने शुक्रवार को यह घोषणा की कि वह एच-1बी वीजा धारकों के लिए बदले गए नियमों पर विचार कर सकता है।
इसके अलावा बाइडेन प्रशासन ने ट्रंप प्रशासन के विवादास्पद नियम में देरी के लिए भी शुक्रवार को औपचारिक अधिसूचना जारी कर दी। यह नियम एच-1बी वीजा वाले विदेशी कर्मचारियों के लिए अनिवार्य न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी से संबंधित है। भारतीय आईटी पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
एच-1बी नॉन-इमिग्रेंट वीजा है जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को विशेषज्ञता वाले पदों पर विदेशी कर्मचारियों को नियुक्त करने की अनुमति होती है।
प्रौद्योगिकी कंपनियां इसके जरिये हर साल भारत और चीन से हजारों कर्मचारियों की नियुक्ति करती हैं।
श्रम विभाग की शुक्रवार को प्रकाशित संघीय अधिसूचना के अनुसार वह इस बात पर विचार कर रहा है कि अंतिम नियम की प्रभावी तिथि तथा उसके साथ क्रियान्वयन की अवधि में और विलंब किया जाए। अभी यह तिथि क्रमश: 14 मई, 201 और एक जुलाई, 2021 है।