नई दिल्ली। महाराष्ट्र सरकार के कोरोना वायरस प्रबंधन के तौर तरीकों पर सवाल उठाते हुए रक्षा मंत्री ने कहा कि राज्य में वर्तमान स्थितियों से ऐसा लग रहा है कि सरकारी कामकाज के स्थान पर कोई सर्कस चल रहा है। उन्होंने कहा, ‘महाराष्ट्र में स्थिति सरकार से ज्यादा सर्कस की स्थिति है। एनसीपी प्रमुख शरद पवार जैसा कुशल नेतृत्व होते हुए भी राज्य को इस स्थिति में देखना दुर्भाग्यपूर्ण है।’
राजनाथ सिंह ने कहा, हमने यह सुनिश्चित किया था कि गरीबों को लॉकडाउन के दौरान समस्याओं का सामना न करना पड़े। हमारी रेलगाड़ियां प्रवासी मजदूरों को उनके घर ले जाने के लिए तैयार थीं, लेकिन महाराष्ट्र सरकार के असहयोग के चलते उन्हें समस्याओं का सामना करना पड़ा।
‘अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकती राज्य सरकार’
सिंह ने कहा, मुंबई के अस्पतालों को हम टीवी पर देखते हैं, कुछ ऐसे अस्पताल देखने को मिले जहां शव पड़ा हुआ है और उसके पास कोरोना मरीज पड़ा हुआ है, क्या वहां सरकार नाम की चीज नहीं है, सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती हैं। उन्होंने कहा, कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में हम महाराष्ट्र सरकार को हर संभव सहायता उपलब्ध कराने के लिए तैयार हैं।
उन्होंने कहा, महाराष्ट्र सरकार को यह देखना चाहिए कि किस तरह उत्तर प्रदेश और कर्नाटक की सरकारों ने कोरोना वायरस को नियंत्रित किया है। उन्होंने सवाल किया कि क्या यह कहना सही नहीं होगा कि कोविड-19 की महाराष्ट्र में स्थिति सरकार की अक्षमता को दर्शाती है। प्रवासी मजदूरों की सहायता करने वाले अभिनेता सोनू सूद की भी महागठबंधन सरकार आलोचना कर रही है।