स्टील जगत के एक दिग्गज कारोबारी, जिन्होंने अपनी बेटी की शादी में 50 मिलियन पाउंड (500 करोड़ रुपये) खर्च किए थे, वे दावा करते हैं कि उन पर 2.5 बिलियन पाउंड (23,750 करोड़ रुपये) का बकाया है, जिसके बाद वह ब्रिटेन के सबसे बड़े दिवालिया घोषित किए जा सकते हैं।
64 वर्षीय प्रमोद मित्तल का कहना है कि कि उन्होंने अपनी पूरी संपत्ति एक वित्तीय सौदे में घाटे में गंवा दी, जिसके बाद अब उनके पास व्यक्तिगत आय का कोई साधन नहीं है। उनका दावा है कि उनके नाम पर सिर्फ दिल्ली के नजदीक एक जमीन है, जो उन्होंने कभी सिर्फ 45 पाउंड (4300 रुपये) में खरीदी थी।
अति-समृद्ध मित्तल स्टील खानदान से ताल्लुक रखने वाले और स्टील किंग लक्ष्मी मित्तल के छोटे भाई प्रमोद मित्तल का कहना है कि अब वह सिर्फ 110,000 पाउंड (डेढ़ करोड़ रुपये) की संपत्ति के मालिक हैं और अपने लेनदारों को उनके द्वारा दिए गए हर पाउंड के लिए सिर्फ 0.18 पैसे वापस भुगतान लेने के लिए एक समझौते पर सहमत हो जाना चाहिए।
व्यवसायी ने एक व्यक्तिगत स्वैच्छिक व्यवस्था में अपनी वित्तीय स्थिति के बारे में बताया, जिसमें वह दावा करते हैं कि उन्होंने मूल रूप से ऋण लिए हैं वे ब्याज भुगतान के कारण कई गुना बढ़ गए हैं।
परिवार के लोगों को इतनी देनदारी
प्रमोद मित्तल कहते हैं कि इस समय उन्हें अपने 94 वर्षीय पिता को 170 मिलियन पाउंड (करीब 16 अरब 27 करोड़ रुपये), अपनी पत्नी संगीता के 1.1 मिलियन पाउंड (करीब साढ़े 10 करोड़ रुपये), अपने 30 वर्षीय बेटे दिव्येश को 2.4 मिलियन पाउंड (करीब 23 करोड़ रुपये) और अपने 45 वर्षीय बहनोई अमित लोहिया को 1.1 मिलियन पाउंड (करीब साढ़े 10 करोड़ रुपये) लौटाने हैं।
मित्तल का कहना है, “मेरी कोई व्यक्तिगत आय नहीं है। मेरी पत्नी मुझसे आर्थिक रूप से स्वतंत्र है। हमारे पास अलग-अलग बैंक खाते हैं और मुझे उसकी आय के बारे में बहुत सीमित जानकारी है।”
मित्तल के मुताबिक उनके सामने अब जीने का संकट खड़ा हो गया है। उनके महीने का खर्च करीब 2 लाख रुपये है।
कैसे हुई ऐसी हालत
कभी बुलंदियों को छूने वाले प्रमोद मित्तल ऐसे हालात में कैसे पहुंच गए। दरअसल उनसे जुड़ा विवाद 14 वर्ष पुराना है। वे कई लोन के गारंटर बने थे। धोखाधड़ी के एक मामले में फंसने के बाद मित्तल अपना कर्ज चुकाने में नाकाम रहे। उस दौरान बड़े भाई लक्ष्मी मित्तल ने दो बार जमानत की राशि भरकर प्रमोद मित्तल को आपराधिक कार्रवाई से बचाया था।
प्रमोद मित्तल पर ब्रिटेन स्टेट ट्रेडिंग कॉरपोरेशन (एसटीसी) के 2,210 करोड़ रुपये का बकाया था। कोयला प्लांट जीआईकेआईएल से संबंधित धोखाधड़ी के एक मामले में प्रमोद को वर्ष 2019 में बोस्निया में गिरफ्तार किया गया था। प्रमोद जीआईकेआईएल के सुपरवाइजरी बोर्ड के प्रमुख थे और वर्ष 2003 से 1000 कर्मचारियों वाली इस फर्म को चला रहे थे।
प्रमोद को इस प्लांट के बैंक खातों से लगभग 84 करोड़ रुपये के संदिग्ध निकासी के बारे में पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया था। फर्म के बैंक खातों से वर्ष 2006 से लेकर 2015 तक पैसे निकाले गए थे। इस प्लांट में एक स्थानीय पब्लिक कंपनी केएचबी का भी मालिका हक है।
प्रमोद को पिछले वर्ष 92 करोड़ रुपये की जमानत राशि का भुगतान किए जाने के बाद रिहा किया गया था। उस दौरान लक्ष्मी मित्तल और प्रमोद मित्तल के बीच संपत्ति विवाद की खबरें सुर्खियों में छाई हुई थीं।
आर्सेलर के कारोबार में हिस्सेदारी
आर्सेलर मित्तल दुनिया की सबसे बड़ी स्टील निर्माता कंपनी है। लक्जमबर्ग स्थित इस कंपनी का व्यवसाय 84,600 करोड़ रुपये का है। इसमें प्रमोद मित्तल की हिस्सेदारी 28,200 करोड़ रुपये है। ब्रिटेन में हाल में जारी टाइम रिच लिस्ट (अमीर शख्सियतों की सूची) के मुताबिक क्वींस पार्क रेंजर्स फुटबॉल क्लब में प्रमोद मित्तल की हिस्सेदारी 20 फीसदी है और उसकी लागत 50 हजार करोड़ रुपये है।