ब्रेग्जिट गतिरोध को खत्म करने के इरादे से प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने 12 दिसंबर को चुनाव कराने की घोषणा की है। इस बीच नौकरियों में कटौती मुसीबत खड़ी कर सकती हैं। हालांकि नियोक्ताओं का मानना है कि बोरिस जॉनसन के जीतने के बाद भी नौकरियों में कटौती जारी रह सकती है।
ऐसे में प्रधानमंत्री को 2020 की तय समय सीमा से पहले यूरोपीय संघ के साथ नए व्यापार समझौते को अंतिम रूप देना होगा। एचएसबीसी अर्थशास्त्री क्रिस हैरे ने कहा, मान लेते हैं कि रोजगार के आंकड़े अस्थिर हो सकते हैं और नौकरियों में गिरावट अंशकालिक रोजगार के कारण हो सकती है। लेकिन यह गिरावट श्रमिक मांग में नरमी का शुरुआती संकेत हो सकती है।
वहीं, कंसलटेंसी फर्म पैंथियॉन मैक्रोइकोनॉमिक्स के अर्थ शास्त्री सैमुअल टॉम्बस मानते हैं कि यह नरमी बैंक ऑफ इंग्लैंड द्वारा ब्याज दर घटाने के लिए काफी है। गौरतलब है कि नौकरियों में कटौती के बाद बैंक ऑफ इंग्लैंड ने हाल ही में ब्याज दरें घटाई हैं। अर्थशास्त्रियों ने इस दौरान करीब 94 हजार लोगों की नौकरी जाने का अनुमान लगाया था जबकि करीब 58 हजार लोगों को ही नौकरी से हाथ धोना पड़ा है।