नई दिल्ली। कुछ महीने पहले ही हमने कोरोना की भयावह दूसरी लहर का सामना किया हो मगर संक्रमण घटते ही अधिकांश लोगों के मास्क उतर गए हैं। कई लोग तो अब मानने लगे हैं कि भारत से संक्रमण गुजर गया और अब तीसरी लहर शायद ही आए। इस लापरवाही भरे आलम में आपको यह जान लेना चाहिए कि अभी ब्रिटेन कोरोना संक्रमण की चौथी और फ्रांस पांचवीं लहर का सामना कर रहे हैं। इन दोनों यूरोपीय देशों ने पहले भी संक्रमण की बेहद मारक लहर को झेला लेकिन दोबारा संक्रमण ने यहां पलटी मारी।
अब दोनों देशों में बूस्टर डोज लग रही पर भी हाल बेहाल
कोरोना महामारी के कारण पूरे यूरोप में रूस के बाद ब्रिटेन में सबसे ज्यादा करीब 1.42 लाख लोगों की मौतें हुईं। कोरोना पर काबू करने के लिए ब्रिटेन ने बहुत तेजी से टीके लगाए। अब तक यहां 68.3% लोगों को पूरा टीका लग चुका है जबकि 74.8% आबादी को पहली डोज मिली है। वहीं, चार लहरों का सामना कर चुके यूरोपीय संघ के देश फ्रांस में 68.6% आबादी फुली वैक्सीनेट हो चुकी है जबकि 76.3% लोगों को पहली डोज लगी है। फ्रांस तो 65 साल से अधिक उम्र की अधिकांश आबादी को बूस्टर डोज भी दे चुका है। जबकि ब्रिटेन में 50 से अधिक उम्र के लिए यह काम जारी है। इसके बावजूद ब्रिटेन में 4% और फ्रांस में 2.9% की संक्रमण दर से कोरोना संक्रमण फैल रहा है।
ब्रिटेन में रोजाना 40 हजार तो फ्रांस में 10 हजार मरीज मिल रहे
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था जून में खोल देने के बाद से यहां चौथी लहर जारी है लेकिन इसने अक्तूबर से जोर पकड़ना शुरू किया है। अब यहां रोजाना यहां औसतन 40 हजार मरीज मिल रहे हैं और हर दिन 150 से 200 के बीच मौतें हो रही हैं। दस नवंबर को यहां 39 हजार से अधिक नए मरीज मिले जबकि बीते 21 अक्तूबर को रिकॉर्ड 51484 केस एक दिन में दर्ज हुए। दूसरी ओर, फ्रांस में 4 अक्तूबर के आसपास पांचवीं लहर शुरू हुई, जिसके कारण अब हर दिन यहां औसतन दस हजार से ज्यादा नए मरीज मिलने लगे हैं और रोजाना 40 के करीब मौतें हो रही हैं। वर्डोमीटर्स के मुताबिक, दस नवंबर को यहां 11883 नए मरीज मिले और 33 मौतें हुईं।
टीका लगने से जान का जोखिम कम, आईसीयू पर दबाव कम
इन दोनों देशों ने तेजी से टीका लगाया जिसका लाभ उन्हें संक्रमित मरीजों के इलाज को लेकर मिल रहा है। अतिगंभीर मरीजों की संख्या पहले के मुकाबले काफी कम है। फ्रांस में 1076 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं जबकि अस्पताल में 6702 मरीजों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। ब्रिटेन के अस्पताल में भर्ती मरीजों की संख्या 9000 है और 1022 मरीज आईसीयू में भर्ती हैं। टीका लगवा चुके मरीजों को कोरोना संक्रमण उतना ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा, जितना टीका न लगवाने वाले मरीजों को कर रहा है।
फ्रांस में प्रतिबंध शुरू, ब्रिटेन में वैज्ञानिकों ने उठाई मांग
फ्रांसीसी स्वास्थ्य मंत्री ओलीवियर वेरेन ने कहा है कि देश में पांचवीं लहर की शुरूआत के साफ संकेत मिले हैं जो चिंताजनक है। सरकार ने आने वाले ठंड को देखते हुए अनुमान लगाया है कि स्थिति और खराब हो सकती है। इसे देखते हुए सरकार ने रेस्टोरेंट आदि जगह में प्रवेश के लिए 65 साल से ऊपर की बुजुर्ग आबादी के लिए बूस्टर डोज का सर्टिफिकेट दिखाना अनिवार्य कर दिया है। दूसरी ओर, ब्रिटिश वैज्ञानिकों ने हाल में बोरिस जॉनसन की सरकार से अपील की कि अगर वे पड़ोसी देशों की तरह समय रहते कड़े प्रतिबंध नहीं लगाते हैं तो सर्दियों में हालात बेहद खतरनाक हो सकते हैं।