टेलीविजन रेटिंग्स प्वाइन्टस (टीआरपी) के फर्जीवाड़े की जांच सीबीआई की दिल्ली टीम ने बुधवार को शुरू कर दी। इसी सिलसिले में सीबीआई बुधवार को ही अचानक लखनऊ पहुंची और वीआईपी गेस्ट में दो पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की। इसके बाद टीम हजरतगंज कोतवाली पहुंची। यहां पर दो घंटे रहकर टीम ने एफआईआर व अन्य दस्तावेज लिए। साथ ही हजरतगंज इंस्पेक्टर के बयान लिए। माना जा रहा है कि इस मामले की एफआईआर लिखाने वाले गोल्डेन रैबिट कम्पनी के रीजनल डायरेक्टर कमल शर्मा से भी सीबीआई गुरुवार को पूछताछ करेगी।
इंदिरानगर निवासी कमल शर्मा की तहरीर पर ही पुलिस ने 17 अक्टूबर को गोपनीय तरीके से एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि गलत तरीके से कुछ चैनलों के द्वारा टीआरपी बढ़ाकर विज्ञापनदाताओं और उपभोक्ताओं को ठगा जा रहा है। इसके अलावा भी कमल ने कई और जानकारियां तहरीर में दी थी। इस एफआईआर दर्ज होने के तीन दिन में ही प्रदेश सरकार ने सीबीआई जांच की सिफारिश कर दी थी। सीबीआई ने मंगलवार को ही इस मामले की जांच स्वीकार कर ली थी। सीबीआई इस मामले में कुछ और जानकारी भी जुटायेगी। दावा किया जा रहा है कि सीबीआई की यह टीम दो दिन लखनऊ में रुकेगी।
अब तक 6 लोग गिरफ्तार
आपको बता दें कि पुलिस ने इस स्कैम के सिलसिले में अब तक छह लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनमें कथित तौर पर वे घर भी शामिल हैं जो सैंपल सेट के रूप में काम करते हैं, जिनके टीवी देखने को यह सुनिश्चित करने के लिए मॉनिटर किया जाता था कि कुछ निश्चित चैनलों को अधिक रेटिंग मिले। रेटिंग विज्ञापन प्राप्त करने के लिए अहम कारक है।
रिपब्लिक टीवी के स्वामित्व वाली कंपनी एआरजी आउटलाइर मीडिया प्राइवेट लिमिटेड और इसके एडिटर इन चीफ अर्नब गोस्वामी पिछले हफ्ते बॉम्बे हाई कोर्ट पहुंचे और चैनल के खिलाफ मुंबई पुलिस की ओर से दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की। चैनल ने सुप्रीम कोर्ट की ओर से याचिका पर सुनवाई से इनकार के बाद 16 अक्टूबर को हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।
मुंबई क्राइम ब्रान्च ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं में धोखाधड़ी, विश्वास का आपराधिक उल्लंघन और आपराधिक साजिश जैसे आरोपों के तहत रिपब्लिक टीवी और इसके वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज किया। पुलिस ने दो क्षेत्रीय चैनलों के खिलाफ भी केस दर्ज किया है।