नई दिल्ली। CBIC ने अपने फील्ड ऑफिसर्स से कहा है कि वे जीएसटी और कस्टम रिफंड का क्लेम करने वाली कंपनियों को फिजिकल फॉर्म में दस्तावेज जमा करने के लिए ना कहें। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) 18,000 करोड़ रुपये के लंबित रिफंड को प्रोसेस करने के लिए इस महीने विशेष अभियान चला रहा है। सीबीआइसी ने सभी प्रधान मुख्य आयुक्तों को पत्र लिखकर कहा है कि करदाताओं की सुविधा के लिए फील्ड ऑफिसर्स की ओर से सभी तरह के संवाद आधिकारिक इमेल आइडी के जरिए होने चाहिए।
सीबीआइसी ने कहा है, ”इस बात पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है कि निर्धारित प्रक्रिया में दस्तावेजों को फिजिकल फॉर्म में जमा करने की जरूरत नहीं है और इस तरह की चीजों से परहेज किए जाने की जरूरत है।”
सीबीआइसी ने कहा है कि मुश्किल के इस वक्त में करदाताओं को तत्काल राहत देने के लिए लंबित रिफंड क्लेम को प्रोसेस करने का निर्णय किया गया है। वहीं, जीएसटी कानून के मुताबिक प्राप्ति रसीद जारी करने के लिए 15 दिन का समय दिया जाता है। इसी तरह रिफंड क्लेम के प्रोसेस के लिए कुल 60 दिन का समय दिया जाता है।
CBIC ने कहा है, ”…सभी लंबित रिफंड आवेदनों को तत्काल प्रोसेस के लिए आगे बढ़ाए जाने की जरूरत है। मेरिट के आधार पर रिफंड को मंजूरी देने से पहले सभी जरूरी विधिक प्रावधानों और सर्कुलर को ध्यान में रखकर काम किए जाने की जरूरत है।”
वित्त मंत्रालय ने पिछले सप्ताह कहा कि कोविड-19 के दौरान राहत देने के लिए सभी लंबित जीएसटी एवं कस्टम रिफंड को जारी किए जाने का निर्णय किया गया है। इससे एक लाख कारोबारियों को राहत मिलेगी।