नई दिल्ली। देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है। जिसको देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से बची हुई बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने के लिए विचार करने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा है कि बोर्ड स्टूडेंट्स को आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर मार्क्स देने के बारे में भी सोचे। तीन जजों की बेंच ने सीबीएसई से 23 जून जवाब देने को कहा है।
सीबीएसई ने भी कहा है कि वह स्थिति को देखते हुए अपने दिशा-निर्देश बताएगा। अब इस मामले की सुनवाई अब 23 जून को होगी। कोर्ट सीबीएसई स्टूडेंट के एक अभिभावक अमित बाथला की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में वर्तमान स्थिति को देखते हुए सीबीएसई बोर्ड परीक्षाएं रद्द करने की मांग की गई। याचिका में यह भी कहा गया है कि सीबीएसई की परीक्षाएं जुलाई में होनी हैं और एम्स के आंकड़ों के अनुसार कोविड-19 महामारी उस समय पीक पर होगी। इसलिए याचिकाकर्ताओं ने प्रार्थना की है कि जुलाई में होने वाली सीबीएसई की बची हुई परीक्षाओं को रद्द कर दिया जाए और इंटरनल असेस्मेंट के आधार पर स्टूडेंट्स का रिजल्ट घोषित किया जाए।
बता दें कि सीबीएसई बोर्ड की बाकी बची परीक्षाएं 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच आयोजित होनी हैं। सीबीएसई फिलहाल 12वीं के 29 मुख्य विषयों की ही परीक्षा ले रहा है। वहीं नॉ़र्थ ईस्ट दिल्ली में दंगों की वजह से रद्द हुईं 10वीं की परीक्षाएं होंगी। सीबीएसई की परीक्षाएं देशभर में 15000 परीक्षा केंद्रों में आयोजित होनी हैं। वहीं आईसीएसई बोर्ड के बच्चों के ह्वाट्सएप पर मैसेज और प्रोफार्मा भेजा जा रहा है। जिसमें पूछा गया है कि दो जुलाई से शुरू होने वाली बोर्ड परीक्षा में शामिल होंगे या प्री -बोर्ड अथवा इंटरनल असेसमेंट के आधार पर प्रमोशन चाहते हैं। प्रोफार्मा में भरकर 18 जून तक स्कूल को भेजें।