चिन्मयानंद केस में शनिवार को एक नए शख्स मामी का आगमन हुआ। ये मामी संजय की हैं। मामी का घर एसएस कॉलेज के बगल में है।
संजय ने अपनी मामी के मकान में छात्रा द्वारा हॉस्टल से लाया गया सामान लाकर रखा था। चर्चा ये भी है कि छात्रा संजय की मामी के घर में एक-दो दिन रुकी भी थी। संजय की मामी की एंट्री तब हुई है, जब एसआईटी छात्रा का खुफिया कैमरे वाला चश्मा खोज रही थी। एसआईटी ने संजय की मामी को पूछताछ के लिए अपने ऑफिस बुलाया है। एसआईटी चश्मा खोज रही थी, लेकिन वह तो मिला नहीं। पर एसआईटी को मामी द्वारा नाले में फेंका गया छात्रा का पर्स, कपड़े और कुछ कागजात जरूर मिल गए हैं। मामी के घर से एसआईटी ने बक्शा भी बरामद किया है, उसमें कुछ शॉल व चादर मिली हैं।
छात्रा की मां के राज पर मामी तक पहुंची एसआईटी
एसआईटी के सामने सबसे बड़ी चुनौती उस चश्मे को हासिल करना है, जिससे छात्रा ने आपत्तिजनक वीडियो बनाए थे। अगर चश्मा मिल गया तो वह छात्रा के खिलाफ सबसे बड़ा सबूत बन जाएगा। सूत्रों के मुताबिक एसआईटी इस बात से डरी हुई है कि अगर छात्रा को वह रिमांड पर लेती है तो राजनीतिक बवाल न खड़ा हो जाए। इसलिए एसआईटी ने चश्मे की सुरागरसी के लिए शुक्रवार को कई घंटे तक छात्रा की मां, पिता को पूछताछ के लिए बुलाया। एसआईटी को छात्रा की मां से ही सुराग मिला, तब शनिवार को एसएस कालेज से दो सौ मीटर आगे संजय की मामी के घर पर छापामारी की। वहां संजय की मामी से एसआईटी के एसपी और महिला दरोगा ने पूछताछ की।
पहले मुकरी, फिर मामी ने भी बताए राज
एसआईटी ने शनिवार को संजय सिंह की मामी से उसके घर पर ही पूछताछ शुरू की, उससे पूछा कि संजय ने कौन सा सामान यहां रखवाया है। इस पर मामी ने सिरे से इनकार करते हुए कहा कि यहां तो कोई सामान नहीं है। इस पर महिला दरोगा ने अपने अंदाज में जब पूछताछ की तो मामी बोली कि एक बक्शा यहां रखा है, बाकी का सामान तो उसने घर के सामने बने नाले में फेंक दिया था। मामी ने एसआईटी को बताया कि 11 अगस्त से पहले संजय आया था, उसने ही यहां सामान रखने के लिए कहा था। मामी से संजय ने यह भी कहा था कि लड़की को जब कमरा मिल जाएगा, तब वह सामान ले जाएगी। मामी को कुछ और पता नहीं था, इसलिए उसने सामान रखने की इजाजत दे दी। सूत्र तो यह भी बताते हैं कि संजय ने छात्रा को दुखियारी बताते हुए एक दो दिन अपनी मामी के मकान में रुकवाया भी था।