कानपुर। कानपुर के बिकरु गांव में 8 पुलिसवालों की हत्या के मामले में बुधवार को पुलिस महकमे ने बड़ी कार्रवाई की। जिस थाने में ये गांव आता है, उस चौबेपुर थाने के एसओ विनय तिवारी और दरोगा केके शर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है। कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल ने बताया कि तिवारी और शर्मा दोनों ही मुठभेड़ के वक्त बिकरु गांव में मौजूद थे। लेकिन, जैसे ही एनकाउंटर शुरू हुआ, दोनों भाग गए थे।
एसएसपी दिनेश प्रभु ने बताया कि जांच में सामने आया है कि विनय तिवारी और केके शर्मा ने विकास दुबे को रेड की जानकारी दी थी।
शहीद डीएसपी देंवेंद्र ने एसओ तिवारी पर आरोप लगाया था कि वो गैंगस्टर विकास तिवारी का बचाव करते हैं। पुलिस जांच में यह भी सामने आया था कि मुठभेड़ से पहले विकास ने केके शर्मा को फोनकर धमकाया था और पुलिस टीम को गांव में आने से रोकने को कहा था। इससे पहले चौबेपुर थाने के सभी 68 कर्मचारियों को लाइन अटैच कर दिया गया था।
इससे पहले मंगलवार को हत्याकांड की जांच कर रहे एसटीएफ के डीआईजी अनंत देव त्रिपाठी को सरकार ने हटाकर पीएसी भेज दिया गया था। हत्याकांड में शहीद हुए डीएसपी देवेंद्र का एक खत सामने आया था। यह खत तत्कालीन कानपुर एसएसपी अनंत देव को लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि चौबेपुर के थानेदार विनय तिवारी, विकास दुबे को बचाने का काम कर रहे हैं और इन पर कार्रवाई की जाए।