मुजफ्फराबाद (POK)। नीलम-झेलम नदी पर चीनी फर्मों द्वारा बनाए जाने वाले मेगा-बांधों का विरोध करने के लिए सोमवार रात पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद शहर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और मशाल रैली निकाली गई। विरोध प्रदर्शन के दौरान ‘दरिया बचाओ, मुजफ्फराबाद बचाओ’ (सेव रिवर, सेव मुजफ्फराबाद) कमेटी के प्रदर्शनकारियों ने ‘नीलम-झेलम बहने दो , हमें जिंदा रहने दो’ जैसे नारे लगाए। बता दें कि रैली में शहर और पीओके के अन्य हिस्सों से एक हजार से अधिक लोगों ने भाग लिया।
हाल ही में, पाकिस्तान और चीन ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आज़ाद पट्टन और कोहाला हाइड्रोपावर कंपनी ने निर्माण के लिए समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे। चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) के हिस्से के रूप में 700.7 मेगावाट बिजली की आजाद पट्टन हाइड्रो प्रॉजेक्ट पर 6 जुलाई, 2020 को हस्ताक्षर किए गए थे। 1.54 बिलियन डॉलर की परियोजनाएं चीन जियोझाबा कंपनी (CGGC) द्वारा प्रायोजित की जाएंगी।
वहीं, कोहाला हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्रोजेक्ट जो झेलम नदी पर बनाया जाएगा, पीओके के सुधनोटी जिले में आज़ाद पट्टन पुल से लगभग 7 किमी और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद से 90 किमी दूर है। वर्ष 2026 तक पूरा होने की उम्मीद है, यह परियोजना चीन थ्री गोरजेस कॉर्पोरेशन, इंटरनेशनल फाइनेंस कॉर्पोरेशन (IFC) और सिल्क बोर्ड फंड द्वारा प्रायोजित की जाएगी। इस प्रॉजेक्ट की मदद से देश में बिजली सस्ती हो सकती है। वहीं, एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि हमें कोहाला प्रॉजेक्ट की तरफ प्रदर्शन करना चाहिए और इसे तब तक जारी रखना चाहिए जब तक इसे रोक नहीं दिया जाता।
बता दें कि चीन और पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के मद्देनजर पीओके और गिलगित बाल्टिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों को पाकिस्तान और चीन संयुक्त रूप से कब्जा करके खराब कर रहे हैं। कब्जे वाले क्षेत्रों में पाकिस्तान और चीन के खिलाफ नाराजगी अधिक है।