टिक टॉक को अमेरिका की तरफ से 45 दिनों के अंदर बेचने या फिर प्रतिबंध के लिए तैयार रहने की धमकी को चीन ने गैंगस्टर तर्क और दिन दहाड़े लूट करार दिया। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने बुधवार को इस पर प्रतिक्रिया जाहिर की।
हुआ ने ट्वीट करते हुए कहा, बिना किसी ठोस साक्ष्य के अमेरिकी प्रशासन अनुमान के आधार पर उसे दोषी मानकर टिक टॉक को 45 दिनों के भीतर बेचने को मजबूर करने नहीं तो उस पर बैन लगाने की कार्रवाई कर रहा है।
हुआ ने आगे कहा, “यह कदम पूरी तरह अपमानजनक है। पूरी अमेरिकी सरकार एक खरगोश का शिकार करने वाले बाघ की तरह काम कर रही है। इसके साथ ही, एक मनगढ़ंत आरोपों के साथ यह दुनियाभर में हुवेई को शिकार बना रहा है।”
7 अगस्त को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देकर एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए 45 दिनों के भीतर चीन के ऐप टिक टॉक और वी चैट पर के साथ सभी लेन-देन को रोकने के निर्देश दिए थे।
हुवेई का उदाहरण देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइकल पोम्पियो ने इससे पहले कहा था कि अमेरिका ने चीनी तकनीकी दिग्गज को निर्दोष दूरसंचार कंपनी के रूप में मान्यता देना बंद कर दिया है और इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताया। इसके साथ ही, यह भी कहा कि वाशिंगटन इस बारे में पर्याप्त कार्रवाई कर रहा है।
गौरतलब है कि अमेरिकी सीनेट ने सरकारी उपकरणों पर टिक टॉक के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। सीनेट ने सरकारी उपकरणों में टिक टॉक के इस्तेमाल पर रोक लगाने किले मतदान कराया था। व्हाइट हाउस ने कहा कि सुरक्षा के लिहाज से टिक टॉक एक बड़ा खतरा है इसलिए इस तरह के कदम उठाने जरूरी हैं। इस बीच राष्ट्रपति डोनॉल्ड ट्रंप ने एक ऑर्डर जारी करते हुए अमेरिकी कंपनियों को टिक टॉक के साथ ट्रांजक्शन बंद करने के लिए कहा है। इसके लिए उन्हें 45 दिन का समय दिया गया है।