दिल्ली। डायबिटीज़ बीमारी में इंसुलिन का उत्सर्जन शरीर में नहीं हो पाता है। इस वजह से शरीर में शर्करा स्तर बढ़ जाता है। डायबिटीज़ होने पर वजन कम होने लगता है, बार-बार पेशाब लगता है, भूख बढ़ जाती है और थकान महसूस होने लगती है। डायबिटीज़ दो प्रकार के होते हैं। टाइप 1 डायबिटीज़ और टाइप 2 डायबिटीज़। टाइप 1 डायबिटीज़ में शरीर से इंसुलिन उत्सर्जित नहीं होती है। यह एक ऐसी बीमारी है, जो किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकती है। इससे बच्चे भी अछूते नहीं हैं। विशेषज्ञों की मानें तो टाइप 1 डायबिटीज़ 1 साल अथवा जन्म लेने वाले बच्चे को भी हो सकता है। ऐसे में बच्चे के रक्त में शर्करा स्तर की जांच जरूरी है।
हाल के दिनों में टाइप 1 डायबिटीज़ मरीजों की संख्या में बड़ी तेजी से इजाफा हो रहा है। इसमें 6 साल से कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। इसके लिए American Diabetes Association ने गाइडलाइंस जारी की है। इसमें छोटे बच्चों के रक्त में शर्करा स्तर की जांच, इंसुलिन की देखरेख, शरीर में ग्लूकोज़ स्तर को बनाए रखने के लिए संतुलित आहार, और बच्चों की शारीरिक सक्रियता पर ध्यान देने की सलाह दी गई हैं।
डायबिटीज़ के लक्षण
बार-बार पेशाब आना,
भूख और प्यास लगना,
थकान महसूस होना,
स्वभाव में चिड़चिड़ापन,
पेशाब से बदबू आना
आवश्यक सावधानियां
अगर आपके बच्चे में टाइप 1 डायबिटीज़ के लक्षण नजर आते हैं, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टर के परामर्श अनुसार ही बच्चे की डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करें। इन लक्षणों में लापरवाही बिल्कुल न करें। यह बच्चे के भविष्य के लिए खतरनाक हो सकता है। कई मामलों में यह आनुवंशिकी भी होती है। ऐसे में बच्चे के खानपान और वर्कआउट पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है।