कमलनाथ ने राज्यपाल से की मुलाकात,भाजपा विधायक भोपाल के लिए रवाना
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देर रात 12.20 बजे राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की। बकौल कमलनाथ, राज्यपाल ने मुझसे कहा कि विधानसभा की कार्यवाही निर्बाध चलनी चाहिए। लिहाजा मैंने उन्हें बताया कि इस संबंध में मैं सोमवार सुबह स्पीकर से बात करूंगा। शक्ति परीक्षण का फैसला भी स्पीकर ही लेंगे। हम शक्ति परीक्षण के लिए तैयार हैं लेकिन बंधक बनाए गए विधायकों को पहले रिहा किया जाए। इससे पहले भाजपा विधायक दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचे जहां से वे भोपाल एयरपोर्ट के लिए रवाना हो गए।
गोपाल भार्गव बोले- सरकार को कराना होगा बहुमत परीक्षण
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने राजभवन से निकलकर कहा कि सरकार को बहुमत परीक्षण कराना आवश्यक है। राज्यपाल ने कहा है कि वे इसपर शीघ्र निर्णय लेंगे। सीएम कमलनाथ द्वारा विधायकों की अनुपस्थिति पर बहुमत परीक्षण नहीं कराने के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ही विधायक गैरमौजूद हैं। इसमें भाजपा की कोई भी भूमिका नहीं है। कांग्रेस अपने विधायकों के लिए स्वयं जिम्मेदार है।
मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यसूची जारी
मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यसूची जारी कर दी गई है। इसमें बहुमत परीक्षण का जिक्र नहीं है। इसमें सिर्फ राज्यपाल के अभिभाषण का जिक्र है। इसके आधार पर कहा जा सकता है कि सोमवार को सदन में कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण का प्रस्ताव शायद न आए। यानि बहुमत परीक्षण पर संशय नजर आ रहा है।
इससे पहले मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने बहुमत परीक्षण को लेकर टिप्पणी से इनकार कर दिया था। इस तरह से अब सभी की निगाहें उनपर ही लगी हैं कि क्या वह सोमवार को सदन में कमलनाथ सरकार का बहुमत परीक्षण करवाएंगे।
भाजपा की मांग, हाथ उठाकर कराया जाए मतदान
रविवार को भाजपा नेताओं ने राज्यपाल लालजी टंडन से मुलाकात कर मांग की कि विधानसभा में इलेक्ट्रानिक वोटिंग प्रणाली काम नहीं करने की स्थिति में शक्ति परीक्षण के दौरान मत विभाजन विधायकों का हाथ उठाकर कराने की व्यवस्था की जाए। टंडन से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि उन्हें पता चला है कि विधानसभा में इलेक्ट्रानिक वोटिंग प्रणाली काम नहीं कर रही है, इसलिए हमने राज्यपाल से आग्रह किया है कि सदन में मतों का विभाजन हाथ उठाकर किया जाए।
प्रदेश विधानसभा के प्रमुख सचिव ए पी सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश विधानसभा में इलेक्ट्रानिक मतदान प्रणाली नहीं है। मतों के विभाजन कराने के लिए हमारी एक निर्धारित प्रक्रिया है जिससे तहत विधायकों को लॉबी में रखे रजिस्टर में उनके नाम और निर्वाचन क्षेत्र के साथ हस्ताक्षर करना होता है। विधायकों से पक्ष और विपक्ष में अलग अलग दो कॉलम हस्ताक्षर किए जाते हैं।