मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को दो आईपीएस अधिकारियों अरविन्द सेन और दिनेश चन्द्र दुबे को निलम्बित कर दिया। अरविन्द सेन वर्तमान में आगरा पीएसी में डीआईजी है जबकि दिनेश चन्द्र दुबे रूल्स एंड मैनुअल्स में डीआईजी हैं। इन दोनों के खिलाफ पशुधन फर्जीवाड़े की जांच कर रहे एसटीएफ के आईजी अमिताभ यश ने 17 जून को शासन से निलम्बन की संस्तुति की थी।
पशुधन फर्जीवाड़े के आरोपियों से साठगांठ करने में अरविन्द सेन का नाम सामने आया था। इस जांच के दौरान कई मोबाइल नम्बर को सर्विलांस पर लिया गया था। इसमें ही आरोपियों में शामिल आशीष राय व अन्य को कई जिलों में बन रहे कस्तूरबा हास्टल व लखनऊ में दिव्यांगों की बिल्डिंग का ठेका दिलाने के लिये दिनेश चन्द्र दुबे के साठगांठ करने की बात पता चली थी। इसके बाद ही दोनों अफसरों के खिलाफ कार्रवाई के लिये लिखा गया था।
इन्दौर के व्यापारी मंजीत भाटिया ने पशुपालन विभाग में पशुधन राज्यमंत्री जय प्रताप निषाद के निजी प्रधान सचिव रजनीश रस्तोगी, निजी सचिव धीरज देव, इलेक्ट्रानिक न्यूज चैनल के पत्रकार आशीष राय, एके राजीव, अनिल राय, रूपेश और उमाशंकर मिश्र पर आटे की सप्लाई के नाम पर नौ करोड़ 72 लाख रुपये हड़पने की शिकायत की थी। इसको गम्भीरता से लेते मुख्यमंत्री ने एसटीएफ को जांच दी थी। गुपचुप तरीके से शुरू हुई इस जांच में आरोप सही पाये गए और कई सनसनीखेज जानकारियां सामने आयी।
इसके बाद ही 13 जून की रात हजरतगंज कोतवाली में 11 आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। दूसरे दिन 14 जुलाई की सुबह सात आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया। ये सभी अभी जेल में हैं। इस मामले में अब तक नौ लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है। साथ ही इसकी जांच अभी भी चल रही है। विवेचना एसीपी संतोष कुमार सिंह कर रहे हैं।
इन धाराओं में दर्ज हुई थी एफआईआर
406, 419, 420, 467, 468, 471, 120 बी और भ्रष्टाचार अधिनियम
राजाजीपुरम निवासी रजनीश दीक्षित, गोमती नगर के नेहरू इन्क्लेव निवासी एके राजीव, गोमतीनगर के ग्रीनवुड अपार्टमेंट निवासी धीरज कुमार देव, लखनऊ के विभवखंड निवासी आशीष राय, उमेश मिश्र, रघुवीर यादव, विजय कुमार, मोन्टी गुर्जर, आजमगढ़ के रानी की सराय निवासी रूपक राय, संतोष मिश्र, अमित मिश्र, कानपुर के कल्याणपुर राजीव नगर निवासी उमाशंकर तिवारी, डीवी सिंह, अरुण राय, देवरिया के खुखंद निवासी अनिल राय