लखनऊ। उत्तर प्रदेश में देश की सबसे बड़ी तथा खूबसूरत फिल्म सिटी बनाने की घोषणा करने वाले सीएम योगी आदित्यनाथ को शनिवार से ही बड़ी संख्या में बधाई मिल रही है। प्रख्यात फिल्म निर्माता-निर्देशक मधुर भंडारकर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से रविवार को उनके सरकारी आवास पर भेंट की। दोनों के बीच बॉलीवुड को लेकर काफी देर चर्चा हुई।
माना जा रहा है कि मधुर भंडारकर भी अब उत्तर प्रदेश में फिल्म निर्माण को लेकर सक्रिय होंगे। तीन बार राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले मधुर भंडारकर की सीएम योगी आदित्यनाथ से फिल्म सिटी को लेकर भी चर्चा की। यूपी में फिल्म सिटी निर्माण को लेकर मधुर भंडारकर ने सीएम योगी आदित्यनाथ से भेंट के दौरान करीब 20 मिनट तक तमाम अहम चर्चा की। इसके बाद सीएम योगी आदित्यनात ने मधुर भंडारकर को अयोध्या के राम मंदिर के प्रसाद के तौर पर सिक्का, रामचरित मानस, तुलसी माला और भव्य दिव्य कुम्भ की कॉफी टेबल बुक भेंट की।
इससे पहले मधुर भंडारकर आज सुबह ही लखनऊ पहुंचे और सीधा सीएम के सरकारी आवास का रुख किया।मधुर भंडारकर राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता भारतीय फिल्म निर्देशक, पटकथा लेखक और निर्माता हैं। उनकी फिल्में चांदनी बार (2001), पेज 3 (2005), ट्रैफिक सिग्नल (2007) और फैशन (2008) बेहद चर्चित रही हैं। उन्होंने ट्रैफिक सिग्नल के लिए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी जीता है।
मधुर भंडारकर ने फिल्म निर्माण में अपने कौशल का प्रयोग करने के बाद और फिल्म निर्देशक अशोक गायकवाड़ तथा राम गोपाल वर्मा के सहायक बने। उन्होंने उनकी 1995 की रंगीला फिल्म में एक छोटी सी भूमिका भी निभाई। इसके बाद उन्होंने टीवी धारावाहिक ‘अपने रंग हजार’ में एक पायलट प्रकरण बनाया। उन्होंने त्रिशक्ति के साथ बतौर निर्देशक के रूप में काम किया और इस फिल्म के निर्माण में दो वर्ष से भी अधिक का समय लगा।
इसके बाद उन्होंने 2001 में चांदनी बार का निर्देशन किया। जिसमें तब्बू और अतुल कुलकर्णी ने काम किया था। अभिनय किया। उन्होंने इस फिल्म के लिए प्रथम राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया और उसके बाद पेज 3 और ट्रैफिक सिग्नल के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया। तीन राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक मधुर भंडारकर ने हाल ही में अपनी उपलब्धियों में एक अन्य अध्याय जोड़ा। अद्वितीय कार्यों के माध्यम से फिल्म निर्माण संस्कृति को बनाने और उसे आकार देने के लिए मधुर को पीएल देशपांडे पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिसे जेनिथ एशिया पुरस्कार के नाम से भी जाना जाता है। उन्हेंं 21 वीं सदी के प्रथम दशक के फिल्म निर्माता के रूप में वर्णित किया गया।