मेरठ पुलिस की साइबर सेल ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की
मेरठ। क्या आप सोच सकते हैं कि एक ही इंटरनेशनल मोबाइल इक्यूपमेंट आइडेंटिफिकेशन नंबर (IMEI) से देश भर में 13000 से ज्यादा मोबाइल फोन चल रहे हैं। एक चीनी कंपनी की लापरवाही के चलते ऐसा ही मामला सामने आया है। मेरठ में मोबाइल निर्माता एक चीनी कंपनी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गयी है। पुलिस ने इस मामले की जांच भी शुरू कर दी है।
ग्राहकों की सुरक्षा से जुड़े इस गंभीर खतरे की जानकारी तब हुई, जब मेरठ पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में तैनात एक सब-इंस्पेक्टर का मोबाइल खराब हुई। सितंबर 2019 में सब इंस्पेक्टर आशाराम ने अपना चीनी मोबाइल फोन एक सर्विस सेंटर पर सही कराया। कुछ दिन ठीक रहने के बाद आशाराम का मोबाइल फिर खराब हो गया। बार-बार आ रही खराबी से परेशान सब-इंस्पेक्टर ने अपना मोबाइल साइबर सेल को सौंप दिया। इसके बाद साइबर सेल ने जब जांच की तो पाया कि आशाराम के मोबाइल के सहित देश में करीब 13500 मोबाइल एक ही आईएमईआई से चल रहे हैं। इसके बाद साइबर सेल ने चीनी कंपनी और सर्विस सेंटर के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया है।
इस मामले में मेरठ एसपी ने कहा कि यह बड़ा संगीन मामला है। यह ग्राहकों की सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। पहली नजर में यह कंपनी की लापरवाही का परिणाम है। कंपनी की चूक का लाभ अपराधी उठा सकते हैं। एसपी ने बताया कि संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कराकर जांच की जा रही है। जांच के लिए साइबर विशेषज्ञों की टीम गठित की गयी है।
दरअसल हर मोबाइल फोन का एक अलग इंटरनेशनल नंबर होता है। इस नंबर से ही दुनिया में कहीं भी मोबाइल की पहचान हो जाती है। पुलिस और जांच एजेंसियां आईएमईआई नंबर के आधार पर ही अपराधियों की लोकेशन का पता लगाती हैं। जैसे कि यदि आपका मोबाइल फोन चोरी हो गया है। अब इस मोबाइल में दूसरा व्यक्ति जैसे ही दूसरा सिम डालकर शुरू चालू करेगा तो फोन की लोकेशन मिल जाएगी। आसान भाषा में बताएं तो यह एक तरह से मोबाइल का चेचिस नंबर होता है, जैसे वाहनों का होता है।