भारत को कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक और नया हथियार मिलने वाला है। भारत का औषधि महानियंत्रक कोरोना की गी गोली मोलनुपिरवीर के डेटा की समीक्षा कर रहा है। सन फार्मास्युटिकल इंडस्ट्रीज ने कहा कि वह मर्क शार्प डोहमे (एमएसडी) और रिजबैक के मोलनुपिरवीर को मोल्क्सविर ब्रांड नाम से पेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। कोरोना की यह दवा यह दवा उन व्यस्कों के लिए होगी जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण होंगे या जिन्हें अस्पताल में भर्ती होने का खतरा होगा। यूके में पहले ही इस दवा को मंजूरी मिल चुकी है।
इस दवा को जल्द ही भारत में इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल सकती है। सन फार्मा भारत की उन कंपनियों में से एक है जिसके साथ मर्क ने स्वैच्छिक लाइसेंसिंग समझौते किए हैं। बता दें कि अमेरिका भी molnupiravir के डेटा की समीक्षा कर रहा है।
यह गोली कौन ले सकता है? जिन वयस्कों को कोविड का खतरा है, वे गंभीर लक्षणों या अस्पताल में भर्ती होने से बचने के लिए इस गोली का सेवन कर सकते हैं। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि एंटी-कोविड गोलियां टीकों की जगह लेने के लिए नहीं हैं। कोविड के लक्षण दिखने के पहले कुछ दिनों के भीतर गोली ली जा सकती है।
कोरोना के हल्के से मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इलाज के लिए मर्क की एंटीवायरल दवा मोलनुपिरवीर की कुछ ही दिनों में इमरजेंसी यूज की मंजूरी मिल जाएगी। उपलब्ध वायरल अनुक्रमण डेटा (लगभग 40 प्रतिशत प्रतिभागियों) के साथ प्रतिभागियों के आधार पर, मोलनुपिरवीर ने गामा, डेल्टा और म्यू जैसे वायरल वेरिएंट पर अपना असर दिखाया है।