हैदराबाद। कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए भारत बायोटेक कंपनी (Vaccine maker Bharat Biotech) नाक के जरिये ली जाने वाली एक विशेष वैक्सीन विकसित कर रही है। यूनिवर्सिटी आफ विस्कांसिन मैडीसन (University of Wisconsin Madison)और वैक्सीन निर्माता कंपनी फ्लूजेन (FluGen)के वायरोलाजिस्ट ने भारत बायोटेक के साथ मिलकर कोविड-19 के खिलाफ कोरोफ्लू (CoroFlu) नामक इस वैक्सीन को विकसित करने के लिए परीक्षण शुरू कर दिये हैं।
शुक्रवार को यह यह जानकारी देते हुए भारत बायोटेक ने बताया कि हम कोरोफ्लू वैक्सीन (CoroFlu), फ्लूजेन कंपनी (FluGen’s flu vaccine) की फ्लू वैक्सीन एमटूएसआर (M2SR) के आधार पर विकसित कर रहे हैं। उल्लेखनीय है फ्लू की एमटूएसआर वैक्सीन यूनिवर्सिटी आफ विस्कांसिन-मैडीसन के वाइरोलाजिस्ट और वैक्सीन निर्माता कंपनी फ्लूजेन के संस्थापकों योशिरो कावाओका व गैब्रियेल न्यूमैन ने ईजाद की थी। इस वैक्सीन के विभिन्न परीक्षणों में तीन से छह माह का वक्त लग सकता है।
अमेरिका में अक्टूबर तक इसका मनुष्यों पर परीक्षण होगा। इसके बाद भारत बायोटेक कंपनी भी कुछ परीक्षण करेगी। परीक्षण सफल रहने पर कंपनी 30 करोड़ खुराक का उत्पादन करेगी। बताया जाता है कि वैक्सीन की खुराक जब शरीर में दाखिल होती है तो वह तत्काल शरीर में फ्लू के खिलाफ लड़ने के लिए एंटीबॉडीज बनाती है। इस बार योशिहिरो कावाओका ने M2SR दवा के अंदर कोरोना वायरस कोविड-19 का जीन सीक्वेंस (gene sequences from SARS-CoV-2) मिला दिया है।
अभी तक मुकम्मल तौर पर दुनिया में कोरोना वायरस से लड़ने की कोई भी वैक्सीन नहीं बनाई जा सकी है। तमाम दवा कंपनियां वैक्सीन बनाने के काम में लगी हुई हैं। अमेरिका में भी वैक्सीन अभी परीक्षण के चरण में ही है। माना जा रहा है कि कोरोना की काट के लिए वैक्सीन आने में लंबा वक्त लगेगा।