देश में कोरोना वायरस की दस्तक के बाद भारत नेपाल के गौरीफंटा बॉर्डर को मार्च माह में बंद कर दिया गया था। करीब नौ माह से बॉर्डर बंद है। इस बीच गौरीफंटा बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों को भारतीय सुरक्षाकर्मी तो एंट्री दे रहे थे लेकिन नेपाल प्रशासन भारतीयों को बॉर्डर क्रॉस करने नहीं दे रहा था। सूत्रों की माने तो 15 दिसंबर से नेपाल प्रशासन भारतीयों के लिए पूर्व की भांति बॉर्डर खोलने जा रहा है। हालांकि भारतीय प्रशासन ने अभी इस सूचना की पुष्टि नहीं की है।
बता दें कि पिछले करीब नौ माह से भारत-नेपाल के गौरीफंटा बॉर्डर बंद होने के चलते बॉर्डर पर स्थित मंडियों में व्यापारी भुखमरी की कगार पर आ पहुंचे हैं। नेपाली नागरिकों का गौरीफंटा बॉर्डर पर आवागमन जारी है लेकिन नेपाली प्रशासन अभी भी भारतीय नागरिकों को पूर्व की भांति देश में इंट्री नहीं दे रहा है। नेपाल शासन प्रशासन के इस रवैया को लेकर हाल ही में व्यापारी नेता रवि गुप्ता ने डीएम को संबोधित ज्ञापन एसडीएम को देकर गौरीफंटा बॉर्डर पर नेपाल शासन प्रशासन के खिलाफ धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था। लेकिन तहसील प्रशासन से परमिशन ना मिलने पर उन्हें अपना धरना स्थगित करना पड़ा था।
पिछले करीब दो माह से रोजाना गौरीफंटा बॉर्डर पर हजारों की संख्या में नेपाली नागरिक पहुंच रहे हैं। बताया जाता है कि भारतीय लोगों के प्रतिबंध से नेपाल मंडियों का व्यवसाय भी ठप सा हो गया है। सूत्र की माने तो नेपाल शासन-प्रशासन 15 दिसंबर से बॉर्डर खोलने की तैयारी में है। एसडीएम डॉ. अमरेश ने कहा कि बार्डर खुलने की कोई सूचना उनके पास नहीं है।