जी-20 देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक 15 अप्रैल को होगी। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से होने वाली बैठक में कोविड-19 संकट के बाद अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के उपायों पर चर्चा होगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास इस बैठक में शामिल होंगे।
इस वर्चुअल बैठक से 15 दिन पहले यानी 31 मार्च को भी वित्त मंत्रियों और गवर्नरों की बैठक हुई थी। 15 अप्रैल की बैठक के बाद शुक्रवार को जी-20 देश के ऊर्जा मंत्रियों की असाधारण बैठक होगी। एक अधिकारी ने कहा कि 15 अप्रैल की बैठक 31 मार्च से आगे की बैठक है। इसमें कार्यसमूह अपने सुझाव देंगे। जी-20 के वित्त मंत्रियों की बैठक ऐसे समय हो रही है जबकि रेटिंग एजेंसियों और अर्थशास्त्रियों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से लागू लॉकडाउन से दुनिया की अर्थव्यवस्था मंदी में जा सकती है।
कई रेटिंग एजेंसियों ने अनुमान लगाया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर में काफी बड़ी गिरावट आएगी। वर्ष 2020-21 में भारत की वृद्धि दर दो प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है जो इसका 30 साल का निचला स्तर होगा। एशियाई विकास बैंक (एडीबी) का अनुमान है कि 2020-21 में भारत की वृद्धि दर घटकर 4 प्रतिशत रह जाएगी। एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने भारत की वृद्धि दर के 3.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है।
मूडीज इन्वेस्टर सर्विसेज ने पिछले सप्ताह 2020 के लिए भारत की वृद्धि दर के अनुमान को घटाकर 2.5 प्रतिशत कर दिया है। 2019-20 में देश की वृद्धि दर पांच प्रतिशत रहने का अनुमान है। इससे पहले 31 मार्च को हुई जी-20 की बैठक में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस बात पर जोर दिया था कि वित्तीय प्रणाली अर्थव्यवस्था को उबारने में मदद करने वाली होनी चाहिए। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ) से कोविड-19 से संबंधित वित्त पोषण की जरूरत को पूरा करने के लिए नवोन्मेषी तरीका विकसित करने को भी कहा था।