लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लाॅकडाउन के दौरान सरकारी निर्देशों का पालन करने को कहा है। उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लाॅकडाउन में नागरिक हर सरकारी निर्देश का पालन कर रहे हैं। अब इसमें ढील दिए जाने का निर्णय टीम-इलेवन को करना है।
मशहूर शायर जनाब वसीम बरेलवी ने उनसे वार्ता के क्रम में मंगलवार के हालात पर एक मौजूं शेर कहा है ‘हजार चाहोगे फिर जिंदगी न बोलेगी! घरों से निकले तो दरवाजा मौत खोलेगी।‘ महिलाओं की अस्मिता व गरिमा पर भाजपा राज में घर के अन्दर भी सुरक्षा नहीं है घर के दरवाजे के बाहर भी उनका सम्मान और जीवन संकट में है। लेकिन संकट की इस घड़ी में भाजपा सरकार जिस तरह नागरिकों के जीवन की सुरक्षा के प्रति उदासीनता बरत रही है। वह संवेदनशून्य और निंदनीय कृत्य है। लाॅकडाउन की कथित सख्ती के बावजूद टीम-इलेवन को यह नहीं नज़र आता है कि अपराधों में वृद्धि क्यों हो रही है? बलात्कार और हत्याओं पर रोक क्यों नहीं लग रही है? शराब की तस्करी बढ़ रही है और इसमें कई भाजपा नेता भी संलिप्त पाए गए हैं।
बीजेपी विधायक के भ्रष्टाचार के आरोप के बाद उन्होंने कहा कि कोरोना संकट का फायदा लेकर उच्चस्तर पर भ्रष्टाचार फलफूल रहा है। भाजपा के मेयर और विधायक ही अपनी सरकार पर तमाम अनियमितताओं के आरोप लगा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग में भ्रष्टाचार की शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। दवा, मास्क और सैनिटाइजर के साथ रैपिड टेस्ट किट की खरीद में जबर्दस्त घोटाले के दोषियों पर कड़ी कार्यवाही के बजाय लीपापोती होती दिखाई दे रही है।
अखिलेश ने कहा लाॅकडाउन में सुरक्षित जिंदगी का विकल्प तय करना भी राज्य सरकार का काम है। मुख्यमंत्री बताएं कि सत्ता संभलते ही उन्होंने अपराधियों के जेल में या प्रदेश से बाहर चले जाने का जो बड़बोला बयान दिया था। लेकिन अपराधी निर्भीक होकर जेल से भी अपना धंधा चला रहे हैं। लाॅकडाउन में स्थिति और भयावह हो गयी है। जनता की जिंदगी कुंआ और खाईं के बीच फंस गई है।