नई दिल्ली। कोरोना लॉकडाउन की वजह से सुस्त पड़ती अर्थव्यवस्था को गति देने के उद्देश्य से 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की बारीकियों को बताने के दौरान आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राज्य सरकारों के लिए बड़ा ऐलान किया। कोरोना संकट के मद्देनजर केंद्र सरकार ने राज्यों की उधार लेने की सीमा बढ़ा दी है। केंद्र ने राज्य के सकल घरेलू उत्पाद (GSDP) को 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी कर दिया है। यह केवल 2020-21 के लिए हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य 2020-21 में 6.41 लाख करोड़ रुपये 3 फीसदी राज्य के जीडीपी के हिसाब से कर्ज उठा सकते थे। अभी तक राज्यों ने केवल 14 फीसदी ही अपनी क्षमता का कर्ज उठाया है, 86 फीसदी नहीं उठाया है। लेकिन कोरोना के मद्देनजर सरकार ने राज्यों को 2020-21 में राज्यों के जीडीपी का 5 फीसदी कर्ज राज्य ले सकते हैं ये केवल एक साल के लिए है। इससे राज्यों को अतिरिक्त 4.28 लाख करोड़ रुपये अतिरिक्त रकम मौजूद होगा।
वित्त मंत्री ने बताया कि दो प्रतिशत की बढ़ोतरी में आधा फीसदी की बढ़ोतरी बिना शर्त की गई है यानी अपने जीएसडीपी का 3.5 प्रतिशत तक राज्य बेरोक-टोक उधारी ले सकेंगे। अगले एक प्रतिशत में से 0.25 प्रतिशत एक राष्ट्र एक राशन कार्ड के लिए, 0.25 प्रतिशत कारोबार की आसानी के लिए, 0.25 प्रतिशत बिजली वितरण के लिए और 0.25 प्रतिशत शहरी स्थानीय निकायों के राजस्व के लिए लिया जा सकेगा। इन चार में से तीन मानकों का लक्ष्य हासिल होने पर ही राज्य को अंतिम 0.5 प्रतिशत उधारी दी जायेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार के अनुरोध पर रिजर्व बैंक ने राज्यों को दिये जाने वाले ओवरड्राफ्ट के नियमों में बदलाव किया है। अब राज्य लगातार 14 दिन की बजाय 21 दिन तक ओवरड्राफ्ट सुविधा का इस्तेमाल कर सकते हैं। एक तिमाही में वे कुल 32 दिन की बजाय अब 50 दिन तक ओवरड्राफ्ट रख सकेंगे।
इसके अलावा, निर्मला सीतारमण ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि बीते दिनों कोरोना वायरस को रोकने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए का ऐलान किया गया था। इसमें 4113 करोड़ रुपए राज्यों को दिए गए। 3750 करोड़ रुपए जरूरी वस्तुओं पर खर्च किए गए। टेस्टिंग किट्स और लैब के लिए 550 करोड़ रुपए दिए गए। कोरोना वॉरियर्स, स्वास्थ्य कर्मियों को 50 लाख रुपए का इंश्योरेंस दिया गया।
स्वास्थ्य सेवा में बदलाव पर निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार स्वास्थ्य व्यय बढ़ाएगी। जिला स्तर के अस्पतालों में संक्रमण से होनेवाली बीमारी से लड़ने की तैयारी होंगी। ग्रामीण क्षेत्रों में हर ब्लॉक में पब्लिक हेल्थ लैब बनाई जाएंगी।
उन्होंने आगे कहा कि टेली कम्युनिकेशन के परामर्श की शुरुआत की गई। आरोग्य सेतु एप्प को करोड़ों लोगों ने यूज किया। यूपीआई भीम की तरह यह भी देश में बेहद सफल रहा है। हेल्थ वर्कर्स को सुरक्षा देने के लिए कानून में बदलाव किया गया। भारत में एक भी पीपीई कंपनी नहीं थी आज 300 से ज्यादा यूनिट है। लाखों एन95 मास्क बनाए जा रहे हैं। 11 करोड़ एचसीक्यू टैबलेट का उत्पादन किया गया है।
इससे पहले 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पांचवीं और आखिरी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा था कि आपदा को अवसर में बदलने की जरूरत है। सरकार गरीबों को तुरंत आर्थिक मदद पहुंचा रही हैं, खाना पहुंचा रही है। उन्होंने कहा कि संकट का दौर नए अवसर खोलता है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर कैश का किया गया। इसके तहत 8.19 करोड़ किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये दिए गए हैं। इसके अलावा, देश के 20 करोड़ जन-धन खातों में डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर के जरिए 500-500 रुपये भेजे गए हैं। इस तरह कुल 20 करोड़ जनधन खातों में 10,225 करोड़ रुपये डाले गए हैं। साथ ही उज्ज्वला योजना के तहत 6.81 करोड़ रसोई गैस धारकों को मुफ्त सिलेंडर दिया गया। वहीं,8.91 किसानों के खाते में 2-2 हजार रुपये भेजे गए हैं, जिसमें करीब 16 हजार 394 रुपये खर्च हुए हैं।
इससे पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 20 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन आर्थिक पैकेज की चौथी किस्त की शनिवार को घोषणा की। पैकेज की चौथी किस्त में कोयला, रक्षा विनिर्माण, विमानन, अंतरिक्ष, बिजली वितरण आदि क्षेत्रों में नीतिगत सुधारों पर जोर रहा।