कोरोना संक्रमण के बीच अब एक और बीमारी ने देश में दस्तक दे दी है। यूरोप और अमेरिका के बाद कोविड-19 ग्रुप की खतरनाक बीमारी MIS-C (मल्टी सिस्टम इंफ्लैमेटरी सिंड्रोम-इन चिल्ड्रन) ने गुजरात के सूरत में बच्चों को चपेट में लेना शुरू कर दिया है। सूरत में इस बीमारी पहला मामला बीती 25 जुलाई को सामने आया था। इसके बाद से अब तक इसके 30 मामले सामने आ चुके हैं। सूरत के पेडियाट्रिक एसोसिएशन ने इस बात की पुष्टि की है कि अब तक 30 बच्चों में इसके लक्षण पाए गए। हालांकि, समय पर ट्रीटमेंट मिलने से अब सभी स्वस्थ हैं।
3 साल से लेकर किशोर अवस्था तक के बच्चों को खतरा
डॉ. के अनुसार, इस बीमारी के नाम से ही समझा जा सकता हैं कि ये बच्चों में होने वाली खतरनाक बीमारी है। यह 3 साल से लेकर किशोर अवस्था तक को बच्चों को हो सकती है। यदि बच्चे को बुखार, उल्टी, लूज मोशन के अलावा आंखें और होठ लाल होती दिखे तो तुरंत मेडिकल चेकअप करवाएं, क्योंकि समय पर ट्रीटमेंट शुरू होने से इसे आगे बढ़ने से रोका जा सकता है और बच्चे को गंभीर खतरे से बचाया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने इस बीमारी को गंभीर माना है। हालांकि उनका कहना है कि इस बीमारी की समय पर जांच और इलाज करवाकर इसे काबू में किया जा सकता है।
MIS-C के लक्षण
-सीने में दर्द और धड़कनों का तेज चलना।
-शरीर का रंग पीला या नीला पड़ जाना।
-उल्टी-दस्त, पेट दर्द, कमजोरी।
-होंठ और जीभ, पीठ पर लाल दाने।
-हाथ पैरों व गर्दन में सूजन।
-शरीर पर लाल चकत्ते उठ आना।
कोरोना संक्रमित इलाकों में ज्यादा खतरा
एक रिपोर्ट में सामने आया कि जिन इलाकों में कोरोना वायरस के मामले ज्यादा है, वहां बच्चों को इसका खतरा ज्यादा है। अमेरिका और यूरोपीय देशों में करीब 300 बच्चों के शिकार होने के बाद इटली में शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस और इस बीमारी के बीच संबंध खोजा था। हालांकि, टोसिलिजुमैब दवाओं के बाद बच्चों को स्वस्थ कर लिया गया था।