कोरोना वायरस के संक्रमण से अब तक तक़रीबन 9 हजार लोग अपनी जान गवां चुके हैं। वहीं, इस वायरस से अब तक 2 लाख से अधिक लोग संक्रमित पाए गए हैं। जबकि 85 हज़ार से अधिक संक्रमित लोगों का सफलता पूर्वक इलाज किया गया है।
इस वायरस के फैलने की वजह से विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने विश्व के सभी देशों और उनके नागरिकों को कई एडवायज़री जारी की हैं, जिसमें इलाज से लेकर आवश्यक सावधानियों के बारे में विस्तार से बताया गया है। वैसे इस वायरस के सामन्य सावधानियों के बारे में सबको पता है लेकिन आइसोलेशन के समय किन-किन चीज़ों को नहीं करना चाहिए। इस बारे में अगर आपको नहीं पता है तो आइए जानते हैं।
अपने चेहरे को न छुएं
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मेडिकल एडवायज़री अनुसार, हमें अपने चेहरे, नाक और मुंह को बार-बार नहीं छूना चाहिए। अगर हम इस तरह की सावधानी रखते हैं तो वायरस के संक्रमण का ख़तरा कम हो जाता है। अपने हाथों को साफ़ रखें। इसके लिए आप हैंड वॉश या हैंड सेनिटाइज़र का हर एक घंटे में ज़रूर इस्तेमाल करें।
खूब सारे मास्क इकट्ठा कर न रखें
WHO ने पहले ही अपने एडवायज़री में इस बात की जानकारी दी है कि सिर्फ मास्क कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने में कारगर नहीं है। यह केवल उस व्यक्ति के लिए है जो या तो खुद COVID-19 का मरीज़ हो या इससे संक्रमित पेशेंट का ध्यान रख रहा हो या उनके सम्पर्क में हो। अगर आप स्वस्थ हैं तो आपको मास्क लगाने की ज़रूरत नहीं है। वहीं, अगर सभी लोग मास्क पहनने लगेंगे तो मार्केट में मास्क की कमी हो सकती है। जिसका ख़ामियाज़ा मेडिकलकर्मियों को उठाना पड़ेगा, जिन्हें मास्क की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। दुनिया में ऐसे कई बाजार हैं जहां अभी से मास्क उपलब्ध नहीं हैं। ऐसे में जब आप बीमार न हो तो मास्क का इस्तेमाल न करें।
ज़रूरत पड़ने पर ही यात्रा करें
फ्लाइट और एयरपोर्ट ऐसी जगह हैं, जहां कोरोना वायरस के संक्रमण का ख़तरा सबसे ज़्यादा है। ऐसे में आपको सलाह दी जाती है कि अगर ज़रूरत नहीं है तो यात्रा से तौबा करें। इससे न केवल आप सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आपके परिवार और संपर्क के लोग भी वायरस के संक्रमण से बचे रहेंगे। अगर बहुत ज़रूरी है तो यात्रा करें और यात्रा के दौरान आवश्यक सावधानियां और गाइडलाइन को फॉलो करें। जब फ्लाइट लैंडिंग हो तो स्क्रीनिंग पॉइंट पर जाकर अपनी स्क्रीनिंग ज़रूर करवाएं। अगर फ्लाइट में आप अस्वस्थ महसूस करें तो एयर लाइन स्टाफ को तुरंत बताएं, ताकि आपको तत्काल प्राथमिक उपचार दिया जा सके।
भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें
पब्लिक ट्रांसपोर्ट, मेट्रो, जिम, मॉल, सिनेमाघर आदि जैसी सार्वजनिक जगहों पर जाने से बचें। इस वायरस के फैलने का मुख्य कारण संक्रमण है। ऐसे में भीड़ वाली जगहों से दूरी रखें। अगर कोरोना के लक्षण का पता चले तो डॉक्टर की सलाह लें और खुद को हो आइसोलेशन में रखें। खुद को आइसोलेट रखना और लोगों से दूरी बनाए रखने से इसके संक्रमण का ख़तरा कम हो जाएगा।
सोशल मीडिया की हर बात पर ध्यान न दें
कुछ लोग सोशल मीडिया पर झूठी ख़बर दिखाकर दावा करते हैं कि उनके पास कोरोना का तोड़ है जो कि सरासर ग़लत है। इससे लोगों में ग़लत जानकारी जाती है और फिर लोग डॉक्टर की सलाह नहीं लेते हैं। इस तरह की सुचना और जानकारी पर बिल्कुल ध्यान न दें। अगर इससे संबंधित कोई रिसर्च या मान्यता पर्याप्त व्यक्ति या संगठन ने जानकारी दी है तो उस पर विश्वास करें।
एंटीबायोटिक दवाएं न लें
अक्सर ऐसा देखा जाता है कि लोग मामूली सर्दी, बुखार, सिरदर्द आदि में एंटीबायोटिक दवाएं ले लेते हैं लेकिन कोरोना वायरस के मामले में ऐसा करना सही नहीं है। ऐसा करने से बचें। अगर आपको सर्दी, बुखार, सुखी खांसी, सिरदर्द आदि की समस्या हो तो मान्यता प्राप्त डॉक्टर से अपने हेल्थ का चेकअप कराएं। डॉक्टर के बताए गए दवाओं का ही सेवन करें।
एशियाई लोगों से दुश्मनी न रखें
कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर लोगों में भय का माहौल है। ऐसे में लोग एशियाई लोगों को दुश्मन समझने लगे हैं। इस तरह की भावना रखने से बचें। इस तरह के विचार रखने से आइसोलेशन में भेदभाव पैदा हो जाता है। इसलिए ज़रूरी है कि हम इस तरह के बड़े पैमाने पर उन्माद का प्रचार न करें। अच्छी तरह सूचित रहना ही इस महामारी से लड़ने का एक अहम तरीका है।
घबराएं नहीं
अक्सर ऐसा होता है कि लोग घबराहट में ग़लत कदम या फैसले ले लेते हैं। अगर आप अन्य सावधानियों के साथ बुनियादी स्वच्छता का पालन करते हैं, तो ये बीमारी आपसे दूर रहेगी। अपने पास विश्वसनीय जानकारी रखें। ग़लत जानकारी का प्रचार करने से लोगों में दहशत फैल सकती है और महामारी को रोकने के प्रयासों पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।