कोरोना संक्रमण के बीच उत्तराखंड कांग्रेस के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धम्साना ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस भगवान कृष्ण ने भेजा है। कांग्रेस नेता चारधाम यात्रा के शुरू होना के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि यात्रा को लेकर व्यापारियों में डर है। उन्हें कोरोना संक्रमण का डर सता रहा है।
एक टीवी चैनल पर डिबेट के दौरान सूर्यकांत धस्माना ने कहा कि ‘क’ से कृष्ण होता है और ‘क’ से ही कोरोना होता है। कांग्रेस नेता के बयान की सोशल मीडिया में काफी आलोचना हो रही है।
बयान पर विवाद बढ़ता देख धस्माने ने सफाई दी। उन्होंने कहा, ‘मैं हर जगह कृष्ण का उदाहरण देता हूं और मैंने कहा कि क्या भगवान की इच्छा के बिना कोरोना आया था? इस दुनिया में जो कुछ भी होता है वह ईश्वर की निगरानी में होता है।’
धस्माना ने कहा, ‘मैंने ये कहा था कि भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है कि मैं ही इस सृष्टि का रचयिता, मैं ही पालनकर्ता और मैं ही संहारकर्ता हूं। मैं गीता का ही उदाहरण देता हूं। मैंने अपने जीवन में गीता को उतार रखा है, इसलिए उसी का उदाहरण हमेशा देता हूं। इसी तरह कहीं कोरोना का संदर्भ आ गया होगा। मेरी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया।’
बीजेपी ने की माफी की मांग
भाजपा उत्तराखंड प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ देवेन्द्र भसीन ने कहा कि कांग्रेस नेता का यह कहना कि कोरोना भगवान कृष्ण ने भेजा है और ‘क से कृष्ण व क से करोना ‘ है घोर आपत्तिजनक है । यह कांग्रेस नेताओं के मानसिक दिवालिएपन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि भगवान कृष्ण ने धर्म की रक्षा और विधर्मी दैत्यों के नाश के लिए अवतार लिया था। कोरोना आज के युग का सबसे बड़ा दैत्य है जिसका जनक वह देश बताया जा रहा है, जिससे कांग्रेस पैसे लेती है और गहरा दोस्ताना रखती है। इस कोरोना के ख़िलाफ़ भारत सहित पूरी दुनिया पूरी शक्ति से लड़ रही है। लेकिन कांग्रेस कोरोना के ख़िलाफ़ लड़ाई में लगातार बाधाएं डाल रही है ।
उन्होंने कहा कि इससे साफ है कि कांग्रेस की मंशा क्या है। यही वजह है कि हम कहते हैं कि कांग्रेस कोरोना से अधिक खतरनाक है। इन हालात में ‘क’ से कोरोना और ‘क’ से कांग्रेस कहा जाए तो उचित होगा।