वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की भयावहता को देखते हुए अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका में नेशनल इमरजेंसी की घोषणा की है। कोविड-19 पर व्हाइट हाउस में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप ने यह ऐलान किया। अमेरिका में इस वायरस के प्रकोप ने 37 लोगों की जान ले ली है और 1,300 से ज्यादा संक्रमित हैं। हालांकि इस बात का अनुमान पहले ही लगाया जा रहा था कि अमेरिकी राष्ट्रपति देश में राष्ट्रीय आपातकाल का ऐलान कर सकते हैं और ऐसा ही हुआ।
इससे पहले ट्रंप ने ट्वीट करते हुए लिखा था, “कोरोना वायरस पर मैं व्हाइट हाउस में आज 3 बजे एक न्यूज कॉन्फ्रेंस करूंगा।” एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “क्योंकि हमारे पास एक बहुत मजबूत सीमा नीति है, इसी वजह से कोरोना वायरस से 40 मौतें हुई हैं। यदि हमारी कमजोर या खुली सीमाएं होतीं, तो यह संख्या कई गुना अधिक होती!”
वहीं दूसरी ओर, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कोरोना वायरस के मद्देनजर यूरोप से अमेरिका आने वाले यात्रियों पर अगले 30 दिन तक के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। इससे ब्रिटेन को छूट दी गई है। व्हाइट हाउस के अपने ओवल ऑफिस से टीवी पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ट्रंप ने कहा कि नए नियम शुक्रवार (13 मार्च) आधी रात से प्रभाव में आएंगे और कई स्क्रीनिंग से गुजरने के बाद अमेरिकियों को अपने देश लौटने की छूट होगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि उनके प्रशासन ने कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए जैसे कदम उठाए हैं, वैसे एहतियाती उपाय करने में यूरोपीय संघ नाकाम रहा। ट्रंप ने कहा कि वह चीन और दक्षिण कोरिया में हालात की निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने नागरिकों से गैर जरूरी यात्रा पर नहीं जाने की अपील की।
ट्रंप ने कहा, “यह आर्थिक संकट नहीं है। यह अस्थायी है, जिसपर देश और दुनिया के तौर पर हम विजय हासिल करेंगे।” उन्होंने कहा कि हम अमेरिकी लोगों को बचाने के लिए संघीय सरकार और निजी सेक्टर की पूरी ताकत झोंक रहे हैं। ट्रंप ने कहा कि हम इस वक्त एक हैं। हम राजनीति नहीं करेंगे, पक्षपात को बंद करेंगे और एक राष्ट्र और एक परिवार के रूप में एकजुट होंगे।
कोरोना से 5,000 से अधिक की मौत
चीन में करीब तीन महीने पहले दस्तक देने के बाद अब वैश्विक महामारी का रूप धारण कर चुका कोरोना वायरस संक्रमण 5,000 से अधिक लोगों की जान ले चुका है और दुनियाभर में 1,34,300 से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हैं। कोरोना वायरस के दिन-ब-दिन बढ़ते प्रकोप के कारण विश्वभर में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है, अस्पतालों में मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, स्कूल, कॉलेज, कार्यालय, स्टेडियम बंद हो रहे हैं और वित्तीय एवं आर्थिक गतिविधियों पर इसका बहुत बुरा असर पड़ रहा है।