डिप्थीरिया के कारण हर साल कई लोगों की मौत होती है। यह बीमारी देश के लिए बड़ा खतरा बन चुकी है। बच्चों के साथ-साथ बड़े भी अब इस बीमारी की चपेट में आने लगे हैं। कर्नाटक के कालाबुरागी जिले में डिप्थीरिया का कारण 7 लोगों की मौत हो चुकी है। जिला स्वास्थ्य अधिकारी (District Health Officer) एमके पाटिल ने बताया कि सितंबर 2019 से अब तक जिले में 134 लोग डिप्थीरिया की चपेट में आ चुके हैं जिनमें से सात लोगों की मौत हो चुकी है।
जिले में डिप्थीरिया के बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने स्कूल, समाज कल्याणकारी हॉस्टल्स और आंगनबाड़ी केंद्रों में जागरूकता अभियान शुरू किए हैं। जिससे लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा सके और उन्हें डिप्थीरिया की चपेट में आने से रोका जा सके।
डिप्थीरिया एक बैक्टीरियल डिजीज है यह कॉरीनेबैक्टेरियम डिप्थीरिया बैक्टीरिया के इंफेक्शन से होता है। इसकी चपेट में ज्यादातर बच्चे आते हैं। हालांकि यह बीमारी बड़ों को भी हो सकती है। यह बैक्टीरिया सबसे पहले गले में इंफेक्शन करता है। इंफेक्शन के कारण एक गले में ऐसी झिल्ली बन जाती है जिससे सांस लेने में परेशानी होती है। समय पर इलाज न कराने पर यह इंफेक्शन शरीर के अन्य अंगों में भी फैल जाता है। इसके बैक्टीरिया के हृदय तक पहुंचने से जान जाने का भी खतरा होता है। डिप्थीरिया के मरीज के संपर्क में आने से अन्य लोगों को भी यह बीमारी होने का खतरा रहता है।
डिप्थीरिया के लक्षण
- सांस लेने में तकलीफ
- गला खराब होना
- हल्का बुखार होना
- गर्दन में सूजन होना
- नाक का बहना
- बुखार आदि।