नई दिल्ली। करगिल विजय दिवस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने वॉर मेमोरियल पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी। इस मौके पर राजनाथ ने कहा, 21वें करगिल दिवस पर मैं भारतीय सेना के उन जवानों को सैल्यूट करता हूं जिन्होंने करगिल की जंग लड़ी। यह युद्ध दुनिया के आधुनिक इतिहास की सबसे चुनौतीपूर्ण स्थिति में लड़ा गया था। आज ऑपरेशन विजय के सफल होने का दिन है। भारतीय सेना ने 1999 में करगिल के द्रास सेक्टर में पाकिस्तानी घुसपैठियों के कब्जे से भारतीय इलाकों को दोबारा हासिल किया था।
राजनाथ ने कहा- मैं उन सैनिकों का भी अहसानमंद हूं, जिन्होंने दिव्यांग होने के बावजूद भारतीय सेना में सेवाएं जारी रखीं। इन लोगों ने अपने ढंग से देश की सेवा की और देश के प्रति समर्पण की मिसाल पेश की। करगिल विजय सिर्फ हमारे स्वाभिमान का प्रतीक नहीं है, यह अन्याय के खिलाफ उठाया गया एक कदम भी है। देश की एकता और संप्रभुता के लिए हम कोई भी कदम उठाने को तैयार हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट किया, ”करगिल विजय दिवस हमारे सशस्त्र बलों की निडरता, दृढ़ संकल्प और असाधारण वीरता का प्रतीक है। मैं उन वीर सैनिकों को नमन करता हूं जिन्होंने दुश्मन का डटकर मुकाबला किया और भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। देश हमेशा उनका और उनके परिवार का एहसानमंद रहेगा।’’
तीनों सेनाओं के प्रमुखों ने शहीदों को सलामी दी
भारतीय सेना के तीनों अंगों के प्रमुखों ने भी करगिल के शहीदों को सलामी दी। नई दिल्ली के वॉर मेमोरियल पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे, नौसेना के चीफ एडमिरल करमबीर सिंह और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने फूल चढाए। इनके साथ केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक भी मौजूद थे।